लखनऊ(हि.स.)। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अपने हालिया बयान पर सफाई देते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने टीका बनाने वाले किसी भी वैज्ञानिक का अपमान नहीं किया है। अखिलेश ने सरकार से पूछा कि वह यह बताए कि प्रदेश के गरीबों को कब तक टीका लगेगा और यह मुफ्त में लगाया जाएगा या नहीं। सपा अध्यक्ष ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद टीका नहीं लगवाने के अपने हाल के बयान पर उठे विवाद के सिलसिले में पूछे गए एक सवाल पर कहा, मैंने किसी भी वैज्ञानिक या टीका बनाने में मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति पर सवाल नहीं खड़ा किया है। हमने सिर्फ भाजपा पर सवाल खड़ा किया है, क्योंकि इस पार्टी ने जैसे फैसले लिए हैं, उन पर जनता को भरोसा नहीं है। अखिलेश ने कहा, हरियाणा के एक मंत्री जी ने वैक्सीन लगवाई थी, बताइए उनके साथ बाद में क्या हुआ। सरकारी अस्पताल उनका इलाज नहीं कर पाया तो निजी अस्पताल जाकर उनकी जान बची। वह हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज का संदर्भ दे रहे थे जिन्होंने क्लिनिकल ट्रायल के दौरान टीका लगवाया था लेकिन बाद में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा, सरकार की जिम्मेदारी है कि अगर कहीं किसी चीज की चर्चा हो रही है, अलग-अलग मंचों पर इस पर बहस हो रही है, तमाम लोगों ने अपनी राय दी है, राजनीतिक पार्टियों ने अपनी राय दी है तो वह सामने आए सबकी शंका दूर करे। गौरतलब है कि अखिलेश ने गत शनिवार को एक बयान में कहा था कि वह भाजपा की कोरोना वैक्सीन नहीं लगाएंगे क्योंकि उन्हें भाजपा पर भरोसा नहीं है। सपा अध्यक्ष के इस बयान की खासी आलोचना हुई थी। भाजपा ने इसे वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों का अपमान करार दिया था। यादव ने कहा, हम तो सरकार से यह जानना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के गरीबों को कब टीका लगेगा, लि:शुल्क लगेगा या नहीं। उन्होंने पूछा, सरकार के पास टीकाकरण के लिए क्या कार्ययोजना है। सरकार योजना बताए। सबसे पहले तो प्रेस के लोगों को टीका लगना चाहिए। मैं यह बात पूरी गंभीरता से कह रहा हूं कि आप लोगों ने कोविड-19 के समय जोखिम उठाकर कवरेज की है और आप में से कुछ लोगों की जान भी चली गई। सपा अध्यक्ष ने गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट परिसर की छत गिरने से हुई लोगों की मौत के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को 50-50 लाख रुपए की सहायता देने की मांग की। रोजगार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए अखिलेश ने कहा, अभी हाल ही में टीवी पर साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने डेढ़ करोड़ रोजगार दे दिए हैं। अगर वाकई ऐसा हुआ होता तो उत्तर प्रदेश का एक भी नौजवान आत्महत्या नहीं करता। विरोधियों को राम भक्तों की ताकत का एहसास हो जाने संबंधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रविवार के बयान पर अखिलेश ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री कंफ्यूज हैं और हम कंफ्यूज हैं कि वह योगी हैं। अखिलेश ने भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना को अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई समाजवादी पेंशन योजना की नकल करार देते हुए कहा, उप्र में दो करोड़ से ऊपर किसानों को हर साल 2000 रुपये किसान सम्मान निधि मिलनी है। हम 500 रुपये महीना देते थे जो कुल 6000 रुपये होते थे। यह उसी की नकल करके भाजपा ने योजना शुरू की है।
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