चार शैक्षिक सत्रों के लिए 684 करोड़ के प्रस्ताव पर लोक वित्त समिति की मुहर
-
-
- अब कैबिनेट की मंजूरी की बारी
-
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। संबद्ध डिग्री कॉलेजों को चार स्नातक शैक्षिक सत्रों के रिजल्ट आधारित अनुदान के लिए 684 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति के प्रस्ताव पर लोक वित्त समिति की मुहर लग गयी है। इससे संबद्ध डिग्री कॉलेजों को चार स्नातक शैक्षिक सत्रों के रिजल्ट आधारित अनुदान का रास्ता साफ हो गया है। अब इस पर कैबिनेट की मंजूरी ली जायेगी।
सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को उसके छात्र-छात्राओं के श्रेणीवार स्नातक रिजल्ट के आधार पर अनुदान देने की व्यवस्था है। यह व्यवस्था विश्वविद्यालयों के स्नातक शैक्षिक सत्र 2005-2008 से लागू है। इसके तहत किसी छात्रा के फस्र्ट डिवीजन से पास होने पर 8700 रुपये, सेकेंड डिवीजन से पास होने पर 8200 रुपये और थर्ड डिवीजन से पास होने पर 7700 रुपये की अनुदान राशि तय है। चूंकि, स्नातक की पढ़ाई तीनों वर्षों की है, इसलिए अनुदान की राशि भी एक छात्रा पर तीन गुणा हो जाती है।
इसी प्रकार किसी छात्र के फर्स्ट डिवीजन से पास होने पर 8500 रुपये, सेकेंड डिवीजन से पास होने पर 8000 रुपये और थर्ड डिवीजन से पास होने पर 7500 रुपये की अनुदान राशि तय है। यह राशि भी एक छात्र पर तीन गुणा बढ़ जाती है। अनुदान राशि कॉलेजों को इस शर्त के साथ दी जाती है कि उसका भुगतान विधिवत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक-कर्मियों को किया जायेगा। इसके लिए प्रावधान तय हैं।
अनुदान की प्रक्रिया के तहत कॉलेजों द्वारा अपने छात्र-छात्राओं के श्रेणीवार स्नातक परीक्षाफल के आधार पर अनुदान का प्रस्ताव विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा विभाग को सौंपा जाता है। कॉलेजों को अनुदान राशि भी अपने विश्वविद्यालय के माध्यम से ही मिलती है। तय प्रावधानों के तहत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को भुगतान के बाद यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी कॉलेजों द्वारा अपने विश्वविद्यालय के माध्यम से ही शिक्षा विभाग को सौंपे जाते हैं। इसमें पारदर्शिता लाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा अब पोर्टल के जरिये ऑनलाइन व्यवस्था की गयी है।
तय व्यवस्था के तहत ही स्नातक शैक्षिक सत्र 2011-2014 से लेकर स्नातक शैक्षिक सत्र 2014-17 तक चार स्नातक शैक्षिक सत्रों के लिए 684 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शिक्षा विभाग द्वारा लोक वित्त समिति को भेजा गया था। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार लोक वित्त समिति की स्वीकृति के बाद संचिका शिक्षा विभाग को लौट आयी है। अब, इस पर कैबिनेट की स्वीकृति लेने की तैयारी है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अनुदान राशि उन कॉलेजों तक पहुंचेगी, जो तय शर्तों की कसौटी पर खरे होंगे।