वाराणसी

बाबतपुर एयरपोर्ट पर महिला के परफ्यूम की बोतल में मिला लाखों का सोना

शारजहासे आयी थी वाराणसी बाबतपुर। लालबहादुर शास्त्री अन्तरराष्टï्रीय हवाई अड्डïे पर शुक्रवार को शात्रि एक महिला यात्री के पास से १६ लाख से अधिक मूल्य का सोना बरामद किया गया। उक्त महिला यात्री एयर इण्डिया एक्सप्रेस विमान से शारजहां से वाराणसी पहुंची थी। कस्टम टीम ने सोना को जब्त कर महिला से कड़ी पूछताछ की। […]

सम्पादकीय

गलवान घाटीका सत्य

चीनकी सेनाओंने गलवान घाटीसे जिस प्रकार पीछे हटनेकी प्रक्रिया जारी की है उससे भारतकी सामरिक एवं कूटनीतिक सफलता परिलच्छित होती है। पिछले वर्ष मईके अंतमें चीनी फौजोंने लद्दाखमें नियन्त्रण रेखाको बदलनेकी शातिर योजना शुरू की थी। उसकी फौजें इस इलाकेमें अवरोध उत्पन्न करना चाहती थीं। चीनकी इस काररवाईका भारतने विरोध किया। फलस्वरूप जून,२०२० में लद्दाखकी […]

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प्रकृति प्रेमके त्यागसे आयी आपदा

डा. भरत झुनझुनवाला भारतका विशाल भू-भाग एक विशाल चट्टानपर स्थित है जिसे इंडियन प्लेट कहा जाता है। पृथ्वीके २४ घंटे घूमनेसे यह चट्टान धीरे-धीरे उत्तरकी ओर खिसक रही है। उत्तरमें इसे तिब्बतकी प्लेटसे टकराना पड़ता है। इन दोनोंके टकरावसे हिमालयमें विशेषकर उत्तराखंडमें, लगातार भूकम्प आते रहे हैं। ऋषिगंगामें हुई भयंकर आपदाका कारण भी यही है। […]

सम्पादकीय

अंतसकी भाषा है प्रार्थना

हृदयनारायण दीक्षित सभी सभ्यताओंमें प्रार्थना है। ऋषियोंने नदियों, धरतीको माता कहा, आकाशको पिता कहा। ऐसे रिश्तोंकी आंचमें तर्क पिछलते रहे। ऊपर आकाश पिताकी छाया और संरक्षण नीचे धरती माताका आधार। शंकराचार्यने ब्रह्मïको सत्य और जगत्को माया देखा था। उन्हें समूचे ब्रह्मïको ‘अद्वैत’- दो नहीं बताया लेकिन प्रार्थना और स्तुतियां उन्होंने भी की। प्रार्थनाकी शक्ति अनूठी […]

सम्पादकीय

संकटको अवसरमें बदल पायेंगे मोदी

राजकुमार सिंह नरेंद्र मोदी-अमित शाहकी राजनीतिक समझपर संदेह नहीं है। फिर पंजाब नगर निकाय चुनावोंमें शिरोमणि अकाली दल विवादास्पद कृषि कानूनोंपर विलंबसे भाजपाका साथ छोडऩेकी कीमत चुकानी पड़ी है। तमाम कवायदके बावजूद आम आदमी पार्टी किसान असंतोषका लाभ उठानेमें विफल रही है। ऐसेमें सत्तारूढ़ कांग्रेस अगले विधानसभा चुनावसे महज एक साल पहले अपना परचम लहरानेमें […]

सम्पादकीय

दूसरोंको दोष

श्रीराम शर्मा यदि किसीका व्यवहार अनुचित प्रतीत होता है तो यह माननेसे पहले कि सारा दोष उसीका है, स्वयंपर भी विचार अवश्य करें। दूसरोंपर दोषारोपण करनेका आधा कारण तो स्वयं समाप्त हो जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि किसीकी छोटी-सी भूल या अस्त व्यस्ततापर आप मुस्करा देते हैं या व्यंगपूर्वक कुछ उपहास […]

सम्पादकीय

सेना वापसीमें तेजी

भारतके साथ सहमति बननेके बाद पूर्वी लद्दाखमें पैंगोंग झीलके निकटवर्ती क्षेत्रोंसे सेनाओंको हटानेके साथ ही झीलके दक्षिणी दिशामें रेजांग ला और रेचिन ला से भी चीनी सैनिकोंने पीछे हटनेकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस इलाकेकी ऊंची पहाडिय़ोंमें भारतीय सेना रणनीतिक रूपसे बढ़त बनाये हुई थी। रेजांग ला और रेचिन ला से सेनाओंको हटानेका मामला […]

सम्पादकीय

तकनीकसे बदलेगा भविष्य

पी.के. खुराना सन् १९९१ में पीवी नरसिंह रावके प्रधान मंत्रित्व कालमें उदारवादकी शुरुआत की। उससे देशकी अर्थव्यवस्थामें कई बड़े परिवर्तन आये। कांग्रेसने पहली बार इंदिरा गांधीके समाजवादी गणराज्यकी परिकल्पनासे परे सोचा और वैश्विक कंपनियोंको भारतमें विदेशी निवेश आमंत्रित किया। भविष्यमें तकनीक सिर्फ सपोर्ट सिस्टम न रहकर उद्योगोंकी दिशा निर्धारित करेगी। इसीसे भारतीय अर्थव्यवस्थाकी खासियतें बरकरार […]

सम्पादकीय

कश्मीरमें विदेशी राजनयिकोंका दौरा

तारकेश्वर मिश्र धारा ३७० हटनेके बाद तीसरा मौका है जब सरकारने २४ विदेशी राजनयिकोंको जम्मू-कश्मीरका दौरा करवाया। राजनयिकोंने स्थानीय स्तरसे लेकर सेना, सुरक्षा बलों और पुलिसके जरिये सुरक्षा-व्यवस्थाकी थाह ली। अक्तूबर २०१९ में यूरोपीय देशोंके प्रतिनिधिमंडलने घाटीका दौरा किया था और विपक्षने इसे गाइडेड टूर बताया था। पिछले साल ९ जनवरीको नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी […]

सम्पादकीय

लोकतन्त्रकी असली नींव है विश्वास

अजीत रानाडे   अमेरिकाके ३५वें राष्ट्रपतिके रूपमें पदभार ग्रहण करते हुए २० जनवरी, १९६१ को जॉन एफ केनेडीने यह प्रसिद्ध उक्ति कही थी, यह मत पूछें कि आपका देश आपके लिए क्या कर सकता है, आप यह पूछें कि आप अपने देशके लिए क्या कर सकते हैं। यह एक करिश्माई नेता द्वारा नागरिक सक्रियताका आह्वान था। […]