डा. वरिन्दर भाटिया देशमें कोरोनाकी दूसरी लहरके बीच अब भी यूनिवर्सिटी और स्कूल-कालेज बंद हैं। ऐसेमें स्टूडेंट और शिक्षक आनलाइन पढ़ाईसे संघर्ष कर रहे हैं। कोरोनासे पैदा हालातसे न सिर्फ पढ़ाईपर प्रभाव पड़ा है, बल्कि इससे रिसर्च और फील्ड वर्क भी बहुत प्रभावित हुए हैं। यह हमारी उच्च शिक्षाका एक जरूरी हिस्सा होते हैं। विज्ञान […]
सम्पादकीय
स्वतन्त्र निवेशकोंके हितार्थ
आर.डी. सत्येन्द्र कुमार स्वतन्त्रत निदेशकोंका मामला फिलहाल नियुक्तिके मुद्देपर नयी चुनौतियोंसे रू-ब-रू है। इनके चलते प्रमोटर्सका अधिकार अब पहले जैसा नहीं रहा। इस परिवर्तनकी चपेटमें पांच सौसे अधिक प्रोन्नायक आ गये हैं। इसके चलते पांच सौसे अधिक अधिसूचित कम्पनियोंके प्रमोटरोंकी अबतक चली आ रही निदेशक विषयक इजारेदारी खत्म हो गयी है। वैसे इससे कम्पनियों और […]
तिलकका रहस्य
ओशो तिलक हमारी तीसरी आंखका बिंदु है, वह हमारे संकल्पका भी बिंदु है। उसको योगमें आज्ञाचक्र कहते हैं। हमारे जीवनमें जो कुछ भी अनुशासन है वह उसी आज्ञाचक्रसे पैदा होता है। दोनों आंखोंके बीचमें जो तीसरा नेत्र है वही जगह आज्ञाचक्रकी है। इस आज्ञाके संबंधमें थोड़ी बात समझ लेनी जरूरी है। जिन लोगोंके भी जीवनमें […]
टीकाकरणमें तेजी जरूरी
देशमें कोरोनाके नये मामलों और मृतकोंकी संख्यामें निरन्तर गिरावटकी प्रवृत्ति बनी हुई और ऐसा प्रतीत होता है कि दूसरी लहर अन्तिम दौरमें है। मंगलवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे जारी आंकड़ोंके अनुसार पिछले २४ घण्टोंमें ३४ हजार ७०३ नये मामले आये और ५५३ मरीजोंकी मृत्यु हुई जबकि ५१ हजार ८६४ मरीज स्वस्थ हुए। इसके बावजूद १६ […]
अस्थिरताके घेरेमें संवैधानिक पद
राजेश माहेश्वरी उत्तराखण्डमें अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। दो दशकोंमें ११ मुख्य मंत्री! सोचनेको मजबूर करता है कि वह क्या वजह है कि उत्तराखंडमें इतने मुख्य मंत्री बदले गये। किसी भी राज्यके लिए पांच सालके लिए एक मुख्य मंत्रीकी जरूरत होती है। राज्यके चहुंमुखी विकासके लिए यह जरूरी माना जाता है। राजनीतिक अस्थिरता अनिश्चय और […]
इस्लामिक देशोंमें बदलावकी बयार
प्रणय कुमार परिवर्तन प्रकृतिका शाश्वत नियम है। युगीन आवश्यकता एवं वर्तमान परिस्थिति-परिवेशके अनुकूल परिवर्तन सतत चलते रहना चाहिए। इसीमें अखिल मानवता और जगतीका कल्याण निहित है। परिवर्तनकी यह प्रक्रिया चारों दिशाओं और सभी पंथों-मजहबोंमें देखनेको मिलती रही है। इस्लाममें यह प्रक्रिया धीमी अवश्य है, परन्तु सतहके नीचे वहां भी परिवर्तनकी तीव्र कामना पल रही है। […]
दायित्वके प्रति सजग रहनेकी आवश्यकता
डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा दुनियाके देशोंमें कोरोनाके कारण जान गंवानेवाले लोगोंकी संख्यामें अमेरिका और ब्राजीलके बाद हिन्दुस्तान तीसरा देश हो गया है। हालांकि कोरोनाकी दूसरी लहर अधिक जानलेवा सिद्ध हुई। कोरोनाकी दूसरी लहरकी भयावहताको इसीसे समझा जा सकता है कि इसने देशको संभलनेका ही अवसर नहीं दिया और कोरोना संक्रमितोंमें संक्रमणका असर इतना व्यापक रहा […]
अभ्यासका महत्व
श्रीराम शर्मा सतत अभ्यास द्वारा शरीर एवं मनको इच्छानुवर्ती बनाया जा सकता है तथा असामान्य कार्य करनेके लिए भी सहमत किया जा सकता है। बुद्धिमान होते हुए भी विद्यार्थी यदि पाठ याद न करे, पहलवान व्यायाम छोड़ दे, संगीतज्ञ, क्रिकेटर अभ्यास करना छोड़ दें, चित्रकार तूलिकाका प्रयोग न करे, कवि भाव संवेदनाओंको संजोना छोड़ बैठे […]
कश्मीरमें नयी चुनौती
कश्मीरमें सुरक्षा व्यवस्थाके मोरचेपर नयी चुनौती सामने आयी है, जिससे सुरक्षाबलोंकी दिक्कतें बढ़ गयी हैं। नयी चुनौती हाईब्रिड आतंकियों या पार्टटाइम आतंकियोंसे उत्पन्न हुई है। नयी परिपाटीके इन आतंकियोंकी संख्या बढ़ रही है, जिन्हें पहचानना भी जटिल कार्य है। ऐसे आतंकियोंको पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआईका संरक्षण प्राप्त है। इनके निर्देशपर हाईब्रिड आतंकी घटनाओंको […]
अर्थव्यवस्थाको गति देनेका प्रयास
डा. जयंतीलाल भंडारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमणने राहत पैकेजमें स्वास्थ्य, पर्यटन और छोटे कर्जदारोंके लिए ऋण गारंटी योजनाकी घोषणाके अलावा आपात ऋण सुविधा योजना (ईसीएलजीएस) की रकम बढ़ानेके साथ आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजनाका दायरा भी बढ़ाया गया है। गौरतलब है कि नये राहत पैकेजमें अर्थव्यवस्थाके लिए आठ विभिन्न प्रकारके राहत उपायोंकी घोषणा की गयी है। निश्चित […]