देशमें आक्सीजन संकटसे उबरना अत्यन्त आवश्यक हो गया है, क्योंकि यह ‘प्राणवायु’ है। इस दिशामें वायु सेना और रेलवे भी सक्रिय हो गया है जिससे कि प्रभावित राज्योंमें इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने संक्रमणसे सर्वाधिक प्रभावित राज्योंके मुख्य मंत्रियोंके साथ बैठकमें आश्वस्त किया है कि रेलवे और वायुसेना युद्ध स्तरपर जुट […]
सम्पादकीय
भ्रष्टाचार नियंत्रणमें जनताका सहयोग
डा. भरत झुनझुनवाला जीएसटी लागू करते समय सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि इससे टैक्सकी चोरी कम हो जायगी। इसके बाद ई-वे बिल लागू करते समय पुन: विश्वास दिलाया गया था कि सड़कपर चलनेवाले वाहनोंकी जांच हो सकेगी और नम्बर दो यानी बिना टैक्स चुकाये माल सड़कपर नहीं आ सकेगा। लेकिन आलम यह […]
भयग्रस्त चित्त रुग्णताकी जननी
हृदयनारायण दीक्षित विश्व मानवता विचार एवं बुद्धिसे संचालित है। हम इसके अविभाज्य अंग हैं। हम चिकित्सा विज्ञानमें यह समझते हैं कि विचारों और भावनाओंकी प्रकृति हमारी शारीरिक स्थिति तंत्र एवं क्रियाओंको निर्धारित करती है। विचार बुद्धिगत होते हैं और भावनाएं हृदयगत। दोनों हमारे अंत:करणको लगातार प्रभावित करते हैं। ऐसे प्रभाव शरीरकी तमाम गतिविधियोंमें हलचल पैदा […]
कर्तव्यपरायणता आवश्यक
योगेश कुमार गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त पदसे सुनील अरोड़ाके सेवानिवृत्त होनेके बाद ६३ वर्षीय चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा देशके नये मुख्य चुनाव आयुक्त बन गये हैं। केन्द्र सरकार द्वारा निर्वाचन आयोगके सबसे बड़े पदके लिए उनके नामको स्वीकृति दी गयी थी, जिसके बाद केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचनाके अनुसार महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ […]
युग निर्माण
श्रीराम शर्मा मनुष्यका मन कोरे कागज या फोटोग्राफीकी प्लेटकी तरह है, जो परिस्थितियां, घटनाएं एवं विचारणाएं सामने आती रहती हैं और मनोभूमि वैसी ही बन जाती है। व्यक्ति स्वभावत: न तो बुद्धिमान है और न मूर्ख, न भला है, न बुरा। वस्तुत: वह बहुत ही संवेदनशील प्राणी है। समीपवर्ती प्रभावको ग्रहण करता है और जैसा […]
पश्चिम बंगालमें तुष्टकरणकी नीतिसे बेहाल जनता
गालीमें एक कहावत है, डूबे-डूबे झोल खाबा इसी भावार्थकी एक हिंदी कहावत है- ऊंटकी चोरी नेवड़े नेवड़े नहीं हो सकती। दोनों ही कहावतोंका एक-सा अर्थ है कि बड़ी चोरी आज नहीं तो कल पकड़ी ही जायेगी। पश्चिम बंगालमें हिंदू हितोंकी चोरी भी ममता बनर्जीका एक ऐसा ही चोरी थी जिसे पकड़ा भी जाना तय था […]
जनसुरक्षाको प्राथमिकता
देखा जाय तो एक ओर हम सरकारको व्यवस्थापर अपनी खीझ और गुस्सा निकालनेसे बाज नहीं आते हैं। वहीं दूसरी ओर हमारा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पूरे समाजके लिए खतरेका कारण बन सकता है। वास्तवमें कोरोनाके प्रकोपके सामने सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गयी हैं। यह होना स्वाभाविक भी है। १३५ करोड़की आबादीवाले देशमें किसी महामारीसे निबटना कोई सरल […]
जलवायु संरक्षण जरूरी
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणके बीच जलवायु परिवर्तनसे स्थिति और विषम हो गयी है। जलवायु परिवर्तनके बढ़ते दुष्प्रभावसे मानवजीवन ही नहीं पृथ्वीके सभी जीवधारियों और वनस्पतियोंके अस्तित्वपर खतरा गहराता जा रहा है। अमेरिकाकी ओर से आयोजित शिखर सम्मेलनमें गुरुवारको भारतके प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने सम्मेलनमें शिरकत कर रहे विश्वके ४० शीर्ष नेताओंसे जलवायु खतरेसे निबटनेके लिए […]
जनसुरक्षाको प्राथमिकता
राजेश माहेश्वरी देखा जाय तो एक ओर हम सरकारको व्यवस्थापर अपनी खीझ और गुस्सा निकालनेसे बाज नहीं आते हैं। वहीं दूसरी ओर हमारा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पूरे समाजके लिए खतरेका कारण बन सकता है। वास्तवमें कोरोनाके प्रकोपके सामने सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गयी हैं। यह होना स्वाभाविक भी है। १३५ करोड़की आबादीवाले देशमें किसी महामारीसे निबटना […]
जीवनरक्षक बनी कोरोना वैक्सीन
रमेश सर्राफ धमोरा पूरे देशके लोगोंमें कोरोनाके कारण भयका माहौल व्याप्त हो रहा है। दूसरे प्रदेशोंमें रोजी-रोटी कमानेके लिए गये लोग भी फिरसे लाकडाउन लगनेकी आशंकासे अपने घरोंको लौटने लगे हैं। देशमें कोरोना वैक्सीन लगानेका काम तेजीसे चल रहा है। कोरोना वैक्सीन लगना प्रारम्भ होनेके तीन माह बाद भी अभीतक देशकी मात्र दस फीसदी आबादीको […]