सम्पादकीय

विपक्षके बिखरावका फायदा

अजय कुमार उत्तर प्रदेशमें होनेवाले पंचायत चुनावमें शिवसेनाकी भी एंट्री हो सकती है। आम आदमी पार्टीके बाद शिवसेनाकी ओरसे भी उत्तर प्रदेशकी सियासतमें रुचि दिखानेके चलते इस बातसे इनकार नहीं किया जा सकता है कि उत्तर प्रदेशकी चुनावी सियासत बहुकोणीय होती जा रही है। शिवसेनाने पंचायत चुनाव लडऩेकी बात कही है। इन दो दलोंके अलावा […]

सम्पादकीय

प्रियजनोंके बिछडऩेके दर्दने झकझोरा

प्रो. सुरेश शर्मा इक्कीसवीं शताब्दीका वर्ष २०२० पूरी दुनियाको असहनीय दु:ख तथा अपनोंके बिछडऩेका गम दे गया। इस वर्ष कोरोना जैसा महादानव वैश्विक महामारीके रूपमें पैदा होकर विश्वके सभी देशों, राज्यों, महानगरों, गांवों तथा घर-घरमें पहुंचा। इस मनहूस अप्रत्याशित बीमारीने करोड़ों लोगोंको वायरस संक्रमणका शिकार बनाकर लाखों लोगोंके जीवनको असमय मृत्युके आगोशमें समा दिया। अपने […]

सम्पादकीय

संकल्प

संत राजिन्दर सिंह नया साल जब भी शुरू होता है तो बहुतसे लोग संकल्प बनाते हैं। किसीका संकल्प एक दिनमें ही टूट जाता है तो किसीका एक माहमें। हम सब अपनी प्राथमिकताके आधारपर अपनी तरक्की एवं प्रगतिके लिए नववर्ष संकल्प करते हैं। कुछ लोग प्रतिदिन व्यायामका, कुछ ज्यादा मेहनतका, कुछ सुबह जल्दी उठनेका, कुछ व्यवसायिक […]

सम्पादकीय

नये कोरोनाकी दस्तक

वर्ष २०२० के जाते-जाते देशमें कोरोना वायरसके नये रूपने दस्तक दे दी है। इस समय दुनियाके १९ देशोंमें कोरोनाका नया रूप पहुंच गया है, जिनमें ब्रिटेन सहित कई देशोंमें इसका फैलाव तेजीसे बढ़ रहा है। नये वायरसको लेकर लोगोंमें चिन्ता और आशंकाएं भी बढ़ गयी हैं। वायरसका नया रूप २० से २१ सितम्बरके बीच लन्दनके […]

सम्पादकीय

उम्मीदोंसे भरा होगा नया वर्ष

निरंकार सिंह देशमें दलगत राजनीतिके पतनसे क्षोभ और निराशाका वातावरण भी बना है। विखंडनकारी शक्तियोंने देशके आर्थिक विकासमें बाधाएं पैदा की हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि देशकी जनता अब जागरूक हो रही है। इसलिए ऐसे नेता और चेहरे भी बेनकाब हो रहे हैं। कुल मिलाकर २०२१ में हमारी व्यवस्थामें बड़े बदलाव देखनेको मिलेंगे […]

सम्पादकीय

चीन भी परेशान था करीमासे

विष्णुगुप्त करीमा बलोच चीन और पाकिस्तानकी उपनिवेशिक नीति एवं करतूत को दुनियाके सामने बेपर्द करनेकी अहम भूमिकामें थीं। करीमाकी हत्या मानवाधिकारके लिए एक खतरेकी घंटी है। करीमाकी हत्यापर संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निष्पक्ष और प्रभावशाली जांच होनी चाहिए। तमाम प्रश्न है। दुनियाके नियामकोंकी चुप्पी चिंताजनक है। जबकि करीमा बलोचकी हत्या दुनियामें अभिव्यक्तिकी स्वतंत्रता, मानवाधिकारकी लड़ाईके क्षेत्रमें […]

सम्पादकीय

कोरोनासे भी खतरनाक वायरस

योगेश कुमार सोनी दुनियाको संकटमें डालनेवाले कोरोना वायरससे अभी निकले नहीं कि एक और नये वायरसने दस्तक दे दी। बीते शनिवार अफ्रीकाके कांगोमें एक महिलामें अजीबसे लक्षण दिखे जिसे डॉक्टरने साधारण बीमारी न मानते हुए किसी वायरसका शिकार समझा। लक्षण दिखनेके बाद मरीजको आइसोलेट किया और उसके बाद इबोला टेस्टके लिए सेंपल भेजे और रिपोर्ट […]

सम्पादकीय

जिज्ञासा

वी.के. जायसवाल जिज्ञासा प्रकृतिमें व्याप्त ज्ञानको समझनेकी त्वरित अभिलाषा है। यह शिष्य और सतगुरुके बीच संवादके उस सेतुके समान होती है जो शिष्यके ज्ञानमें मौजूद खाईंको आध्यात्मिक संवादकी तरंगों द्वारा पार कराकर उस मंजिलतक पहुंचाती है जहां पहुंचकर जिज्ञासा न केवल शान्त हो जाती है, बल्कि यही तरंगें सोचने एवं समझनेकी क्षमताको बढ़ाकर आध्यात्मिक पथपर […]

सम्पादकीय

कोरोनासे बाहर निकलती आर्थिकी

डा. जयंतीलाल भंडारी जब वर्ष २०२० की शुरुआत हुई, तब जनवरी माहमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वल्र्ड बैंक तथा दुनियाके अनेक वैश्विक संघटन यह कहते हुए दिखाई दे रहे थे कि वर्ष २०१९ की आर्थिक निराशाओंको बदलते हुए वर्ष २०२० में भारतीय अर्थव्यवस्थाका प्रदर्शन सुधरेगा और विकास दर तेजीसे बढ़ेगी, लेकिन कोरोनाके कारण ऐसी सब उम्मीदें […]

सम्पादकीय

करीमा बलोचकी हत्यापर चुप्पी

आर.के. सिन्हा प्रखर महिला एक्टिविस्ट करीमा बलोच पाकिस्तान सरकार, सेना और आईएसआईकी आंखोंकी किरकिरी बन चुकी थीं। वह पाकिस्तान सरकारकी काली करतूतोंकी कहानी लगातार दुनियाको बता रही थीं। इसीलिए उसे आईएसआईने हत्या करवा दी। बलोचके कत्लने साफ कर दिया है कि कनाडा एक अराजक मुल्कके रूपमें आगे बढ़ रहा है। वहांपर खालिस्तानी तत्व तो पहलेसे […]