वी.के. जायसवाल सत्यकी पहुंचका क्षेत्र व्यक्ति द्वारा केवल सत्य वचन बोले जाने या दैनिक जीवनमें लोगोंके विभिन्न प्रश्नोंके पूर्ण सत्यताके साथ उत्तर देनेतक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसकी पहुंच मनके भीतरकी गहराइयोंंतक होनी चाहिए जिससे स्वयंकी सत्यताकी शक्तिसे मनके भीतरके द्वार खुल जायं। इन द्वारोंके अन्दर जब सत्यकी शक्तिकी तेजस्वी किरणें पहुंचती है तब […]
सम्पादकीय
शीर्ष न्यायालयकी चिन्ता
कोरोना महामारीका कहर निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। लोगोंकी चिन्ता और परेशानी भी बढ़ रही है, लेकिन इसमें धैर्य और संयमसे काम लेनेकी जरूरत है। कोरोनाकी भयावह स्थिति और जनताकी परेशानीसे चिन्तित सर्वोच्च न्यायालयने शुक्रवारको एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडियापर आक्सीजन, बेड, दवाओं आदिकी पोस्ट करनेवालोंपर कोई […]
सुरक्षित भविष्यकी आवश्यकता
डा. श्रीनाथ सहाय कोविड-१९ ने पुन: राज्यके समक्ष बड़ी चुनौती पेश की है। यह माना जा रहा था कि २०२१ कोरोनाके सफायेका साल होगा, लेकिन मार्च माहमें संक्रमितोंकी बढ़ती संख्याने इस अनुमानको मिथ्या साबित कर दिया है। दिनोंदिन मरीजोंकी संख्यामें वृद्धि हो रही है। गंभीर रूपसे संक्रमित मरीजोंकी तादाद तो बढ़ी ही है, मृतकोंकी संख्यामें […]
देशका बेहाल मजदूर
रमेश सर्राफ धमोरा कोरोना संक्रमणके कारण देशके अधिकांश प्रदेशोंमें सरकारी स्तरपर पाबंदियां लगी हुई है। जिनके कारण देशमें मिनी लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी हुई है। सरकारी पाबंदियोंके चलते देशभरमें बड़ी जनसभाएं, मीटिंग एवं अन्य कार्यक्रमोंके आयोजनपर रोक लगी हुई है। इस कारण इस बार भी मई दिवसपर मजदूरों द्वारा कहीं भी बड़े कार्यक्रमोंका आयोजन नहीं […]
कोरोना महामारीपर आत्मनिरीक्षण
डा. प्रदीप कुमार सिंह कई देश कोरोना महामारीकी दूसरी या तीसरी लहरसे गुजर चुके हैं। अधिकांश देशोंमें दूसरी लहरका प्रकोप पहली लहरसे तीव्र रहा है। भारतमें १५ जनवरीसे ८ मार्चतक ५२ दिनोंकी अवधिमें दैनिक संक्रमितजनोंके आकड़े न्यूनतम स्तरपर लगभग स्थिर दिखायी दिये एवं १ फरवरीको संख्या सबसे कम ८५८७ रही। जनवरीमें महामारी कमजोर पड़ चुकी […]
ईश्वरका अस्तित्व
श्रीराम शर्मा मन किसकी प्रेरणासे दौड़ाया हुआ दौड़ता है। किसके द्वारा प्रथम प्राण-संचार संभव हुआ। किसकी चाही हुई वाणी मुख बोलता है। कौन देवता देखने और सुननेकी व्यवस्था बनाता है। मन अपने आप कहां दौड़ता है। आन्तरिक आकांक्षाएं ही उसे जो दिशा देती हैं, उधर ही वह चलता, दौड़ता और वापस लौट आता है। यदि […]
बाधाओंका निराकरण हो
विश्वके सबसे बड़े टीकाकरण अभियानका तीसरा चरण कल एक मईसे प्रारम्भ होने जा रहा है, जिसमें १८ से ४४ आयु वर्गको टीके लगाये जायंगे। वैश्विक महामारी कोरोनाके खिलाफ जंगका यह महत्वपूर्ण और अत्यन्त आवश्यक हिस्सा है, जिसमें सभी पात्र लोगोंको अनिवार्यत: टीके लगानेके लिए तत्पर होना होगा। इसके लिए पंजीकरणकी प्रक्रिया भी शुरू हो गयी […]
यह समय भी गुजर जायगा
अवधेश कुमार कोरोनाकी महाआपदासे घिरे देशमें मचा कोहराम कोई भी देख सकता है। जिनके अपने या अपनोंकी चिंताएं जली हैं उनको कहें कि हौसला बनाये रखिये। ये भी दिन गुजर जायंगे, अच्छे दिन आयंगे तो यह बातें उनके गले आसानीसे नहीं उतरेंगी, बल्कि इस समय शूलकी तरह चुभती हुई भी लगेगी। यदि घरके सदस्यकी या […]
स्वास्थ्य विभागकी लचर व्यवस्था
दीपकुमार शुक्ल पूर्णतया पंगु हो चुकी देशकी स्वास्थ्य सेवाओंका स्वत: संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालतने कहा कि इस विकट परिस्थितिमें हम मूकदर्शक नहीं रह सकते। मद्रास तथा इलाहाबाद हाईकोर्टने इस विभीषिकाके लिए चुनाव आयोगको दोषी माना है। जबकि दिल्ली हाईकोर्टने ऑक्सीजन संकटपर सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकारसे कहा कि अब हमारा विश्वास डगमगा गया है। […]
वैश्विक महामारीके दंशसे निजात कब
डा. अम्बुज कोरोनाका हाहाकार पुन: तेजीसे मचा हुआ है जबकि दो वैक्सीन देशके वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित है जिसे भारत वर्षके औषध महानियंत्रकसे स्वीकृति प्राप्त है। शासनतंत्रने भी वैक्सीनको कोरोनापर अन्तिम प्रहार कहा लेकिन वैक्सीनके उपरान्त भी लोग कोरोना संक्रमित होते जा रहे हैं। एक ओर जहां शासनतंत्र पीपीई किट, मास्क चिकित्सकीय उपकरण दवाइया और वैक्सीन […]