सम्पादकीय

भोजनमें बढ़ता रासायनिक जहर

सुदर्शन सोलंकी प्राचीन समयसे भारत देशकी भूमिका अधिकांश हिस्सा उन्नत एवं उपजाऊ था। बावजूद इसके जब किसानों द्वारा अधिक फसल उत्पादनके लिए रासायनिक उर्वरकोंका अधिकाधिक प्रयोग किया जाने लगा तो फसल उत्पादन तो बढ़ गया, किन्तु मृदा अनुपाजाऊ होकर बंजर भूमिमें बदलने लगी है। अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजनाके तहत नियत स्थानपर ५० वर्षोंकी अवधिमें […]

सम्पादकीय

ध्यान और धन 

ओशो भारतीय ध्यानमें उतरना नहीं चाहता, क्योंकि उसे यह ख्याल है, वह जानता ही है ध्यान क्या है। दूसरा यदि उतरनेको भी राजी होता है तो दो दिनमें ही आकर खड़ा हो जाता है कि अभीतक नहीं हुआ और उसे बेचैनी होती है कि पश्चिमसे आये लोगोंको हो रहा है, क्योंकि वह इतने प्रसन्न और […]

सम्पादकीय

विकृत मानसिकता

विश्वके अनेक छोटे-बड़े राष्टï्रोंने जहां कोरोना महामारीके खिलाफ मजबूत जंगमें भारतका हरसम्भव सहयोग करनेके लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है वहीं दो पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तानका रवैया कितना अमानवीय और शर्मनाक है, इसका ताजा दृष्टïान्त सामने आया है। यह उनकी विकृत मानसिकता और संवेदनहीनताका प्रमाण है। चीनके सरकारी सिचुआन एयरलाइंसने भारतके लिए अपने सभी […]

सम्पादकीय

प्राणवायुकी कमीसे उखड़ती सांसें

राजेश माहेश्वरी      न्यायमूर्ति संवेदनशीलताके साथ बेहद सख्त भी प्रतीत हुए। अधिकारी बड़ा हो या छोटा, हम किसीको नहीं छोड़ेंगे। उन्हें लटका देंगे, जो आक्सीजनकी आपूर्तिमें रोड़ा बन रहे हैं। न्यायिक पीठने यह भी टिप्पणी की कि कोरोना वायरसकी मौजूदा स्थिति सिर्फ ‘दूसरी लहरÓ नहीं, बल्कि ‘सुनामीÓ है। कोर्टकी इस टिप्पणीसे मामलेकी गम्भीरताको आसानीसे समझा जा […]

सम्पादकीय

वर्षा जल संग्रहण जरूरी

डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा  पिछले तीन चार सालसे देशमें मानसूनकी स्थिति अच्छी ही रही है। फिर भी वर्षा जलके संग्रहणमें खास सुधार नहीं आया है। अच्छे मानसूनके कारण कृषि उत्पादनके क्षेत्रमें हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इन्द्रदेवकी कृपा और अन्नदाताकी मेहनतका ही फल है कि देशमें अन्न-धनका भण्डार भरा हुआ है। कोरोनाकी भयावहताके बावजूद […]

सम्पादकीय

कोरोनाकालमें सनातन जीवन पद्धतिकी ओर विश्वकी नजर

अशोक ‘प्रवृद्’ जंजंगलों, पहाड़ों, नदी-नालों, सडकें, आकाश, समुद्र और समस्त संसारको अपना समझनेवाला संसारका सर्वाधिक शक्तिशाली जीव मनुष्य आज एक छोटेसे दिखाई नहीं पडऩेवाले सूक्ष्म जीवसे डरकर घरोंमें कैद होनेको विवश है। इतना सूक्ष्म कि सूक्ष्मदर्शीसे भी दिखाई नहीं पडऩेवाले एक छोटे, महीनसे विषाणु अर्थात वायरसने अमेरिका, चीन, इटली, उत्तर कोरिया सहित समस्त विश्वको घरमें […]

सम्पादकीय

कर्मोंका फल 

जग्गी वासुदेव यदि आपको लगता है कि आपके परिवारमें खराबी है तो हो सकता है कि वह ऐसे हो गये हों परन्तु जरूरी नहीं है कि वह आगे भी ऐसे ही रहें। चंद्रमाकी तरह उनकी भी अलग-अलग अवस्थाएं होती हैं, वह भी अलग-अलग दशाओंसे गुजरते हैं। उनके प्रिय-अप्रिय चेहरे होते हैं। आपके जीवनमें जो कुछ […]

News सम्पादकीय

नीयत और नियति

आज हमारा देश जिस स्थितिमें है उसके दो मुख्य कारण हैं। पहला, हमारे यहां कोई सिस्टम नहीं है जो नेताओंकी बातोंका रिकार्ड रखे, उनके आचरण और व्यवहारको लगातार ट्रैक करता रहे, उनका विश्लेषण करता रहे और गलतको गलत तथा सहीको सही करार दे सके। जो सत्तामें हैं, वे कुछ भी कह लेते हैं, कुछ भी […]

News सम्पादकीय

भारतका यश अब मंगलपर होगा वश

भारतवंशी द्वारा बनाये गये हेलीकाप्टरको इसी १८ फरवरीको सात माहकी लगातार यात्राके बाद पर्सिवरेंस मार्स रोवरको रात करीब २.३० बजे मंगल ग्रहके जेजेरो क्रेटर इलाकेमें सफलतापूर्वक लैंड कराया। इसी रोवरपर उसके पेटके ठीक नीचे इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टरको कुछ इस तरह बांधकर कवर किया गया जैसे कंगारू अपने बच्चेको छिपाकर रखता है। मंगलकी सतहपर रोवरमें कवर हेलीकॉप्टरने […]

News सम्पादकीय

बेकाबू कोरोनाकी रफ्तार

कोरोनासे देशमें बिगड़ते हालातका अंदाजा इस बातसे लगा सकते हैं कि इन दिनों हर दिन लगभग तीन लाख नये मरीजोंका आंकड़ा और १६ सौसे अधिककी मौत हो रही है। जीवनकी उम्मीद और जीवनदायनी अस्पताल चरमरा चुके हैं। जरूरी दवाएं और ऑक्सीजन साथ ही वेंटीलेटर भी हांफ रहे हैं। जहां-तहां मरीज बिखरा पड़ा है और एक […]