सम्पादकीय

सबहिं नचावत राम गोसाईं

हृदयनारायण दीक्षित व्यक्ति असाधारण संरचना है। शरीर प्रत्यक्ष है। अंत:करण अप्रत्यक्ष है। हमारे कर्म तप भौतिक हैं। इनके प्रेरक तत्व हमारे भीतर हैं। इसकी वाह्य गतिविधि दिखाई पड़ती है। जब हर्ष, उल्लास दुख-सुखके भाव बाहर प्रकट होते हैं। भारतके मनीषियों एवं चिन्तकोंने अंत:करणके उल्लास-संवद्र्धनके लिए अनेक उपाय खोजे हैं। ईश्वरका आनन्ददाता कहा गया है भक्ति, […]

सम्पादकीय

वरिष्ठ नागरिकोंके प्रति संवेदनशीलता

हेमलता म्हस्के हमारे देशमें महिलाओं और बच्चोंकी तरह बुजुर्ग भी अभाव और अपमानके बीच जीनेको विवश हैं। कहनेके लिए बुजुर्गोंके लिए अनेक सरकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी हालतमें कोई सुधार नहीं हो रहा है। हम बहुत शानसे कहते हैं कि आजका भारत युवा भारत है, लेकिन अगले पचास सालामें […]

सम्पादकीय

ईश्वरपर विश्वास

जग्गी वासुदेव जोशक्ति सृजन (रचना) करती है, वह अपनी रचनासे गायब नहीं हो सकती, लेकिन वह बड़ी कुशलतासे खुदको तबतक छिपानेमें कामयाब रहती है, जबतक कि आप उसका नकाब हटानेकी कोशिश नहीं करते तो जिसे आप आध्यात्मिक प्रक्रिया कहते हैं, वह महज उस ईश्वरपर पड़े पर्देको हटाना है। कुछ संस्कृतियां और मत ईश्वरमें सहज विश्वास […]

News सम्पादकीय

लाईलाज बनते भारतमें बंगलादेशी घुसपैठिये

भारतमें अवैध रूपसे रह रहे बंगलादेशियोंका मामला आज कोई नयी बात नही है। यह मुद्दा किसी न किसी बहाने आये दिन चर्चामें रहता है। वर्तमान समयमें बंगाल, असमके निर्वाचनमें ये अवैध बंगलादेशी मतदाता बनकर अहम भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। बंगालमें चुनावमें बंगलादेशी निर्णायककी भूमिकाका निर्वाह कर रहे हैं। केन्द्रकी पूर्व सरकारने संसदमें गृहमंत्रीके […]

News सम्पादकीय

पशु पक्षियों को भी है जीने का अधिकार

झुलसा देने वाली भीषण गर्मीके कहर से न केवल लोग बल्कि पशु और पक्षी भी बेदम हो रहे हैं। पशु-पक्षी पानीकी तलाशमें इधर-उधर भटकते रहते हैं। गर्मी ने पशु-पक्षियों को चपेटमें लेना शुरू कर दिया है। तेजीसे कम होते प्राकृतिक जल स्रोत और पेड़ोंकी कमी से इन बेजुबानोंकी स्थिति विकट हो गयी है। पानी की […]

News सम्पादकीय

टीकाकरण से ही मिलेगी राहत

कोरोनाकी नयी लहर का कहर देशभर में जारी है। देशके कोने-कोने से कोरोनासे जुड़ी दुखद खबरें सामने आ रही हैं। इसे क्या कहा जाए कि एक तरफ देशमें कोरोनाकी रोकथाम के लिए टीकाकरण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर संक्रमितोंके आंकड़े आये दिन नये रिकार्ड बना रहे हैं। बावजूद इसके चिकित्सा क्षेत्रके विशेषज्ञोंका मत […]

सम्पादकीय

चरमराती स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना वायरसकी सुनामीसे देशकी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गयी हैं। स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं बीमार हैं और कोरोना वायरसकी भयावहताके आगे स्वास्थ्य सुविधाएं बौनी साबित हो गयी हैं। देशके मेट्रो शहरों, महानगरोंसे लेकर छोटे और कस्बाई शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्रोंमें स्थित सभी अस्पतालोंकी स्थिति अत्यन्त ही कमजोर है, जिनपर कोरोना वायरससे बढ़े मरीजोंका बोझ बहुत […]

सम्पादकीय

टीकाकरण से ही मिलेगी राहत

डॉ. श्रीनाथ सहाय  कोरोनाकी नयी लहर का कहर देशभर में जारी है। देशके कोने-कोने से कोरोनासे जुड़ी दुखद खबरें सामने आ रही हैं। इसे क्या कहा जाए कि एक तरफ देशमें कोरोनाकी रोकथाम के लिए टीकाकरण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर संक्रमितोंके आंकड़े आये दिन नये रिकार्ड बना रहे हैं। बावजूद इसके चिकित्सा […]

सम्पादकीय

पशु पक्षियों को भी है जीने का अधिकार

बाल मुकुन्द ओझा झुलसा देने वाली भीषण गर्मीके कहर से न केवल लोग बल्कि पशु और पक्षी भी बेदम हो रहे हैं। पशु-पक्षी पानीकी तलाशमें इधर-उधर भटकते रहते हैं। गर्मी ने पशु-पक्षियों को चपेटमें लेना शुरू कर दिया है। तेजीसे कम होते प्राकृतिक जल स्रोत और पेड़ोंकी कमी से इन बेजुबानोंकी स्थिति विकट हो गयी […]

सम्पादकीय

लाईलाज बनते भारतमें बंगलादेशी घुसपैठिये

आनंद शंकर मिश्रे भा रतमें अवैध रूपसे रह रहे बंगलादेशियोंका मामला आज कोई नयी बात नही है। यह मुद्दा किसी न किसी बहाने आये दिन चर्चामें रहता है। वर्तमान समयमें बंगाल, असमके निर्वाचनमें ये अवैध बंगलादेशी मतदाता बनकर अहम भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। बंगालमें चुनावमें बंगलादेशी निर्णायककी भूमिकाका निर्वाह कर रहे हैं। केन्द्रकी […]