सम्पादकीय

चीन-पाकिस्तानकी दुरभिसंधि

जी. पार्थसारथी  तिब्बतकी दिशासे देपसांगके मैदानोंसे होकर चीनने सुनियोजित ढंग और बड़े पैमानेपर भारतीय इलाकेमें घुसकर चौंकाया। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाखमें चीनियोंकी इस घुसपैठको यदि सही ढंगसे नहीं निबटा जाता तो उनके लिए उत्तरमें और आगे बढ़कर सामरिक महत्ववाले दौलत बेग ओल्डी हवाई अड्डेतक पहुंचनेकी राह आसान हो जाती। यह हवाई अड्डा चीनके अक्साई चिन क्षेत्रसे […]

सम्पादकीय

अफगानिस्तानमें मुश्किलमें अमेरिका

अभिनय आकाश  ईसा पूर्व ३३० की बात है तुर्की, सीरिया, लेबनन, इसरायल, मिस्र, इराक और ईरान जीत चुका सिंकदर अपनी सेनाके साथ अफगानिस्तानकी ओर कदम बढ़ाया। उसका अगला कदम हिंदुस्तान था। लेकिन हिंदुकुश पार करनेमें तीर वर्ष लग गये और वह भी एक देशकी वजहसे। वह मुल्क था अफगानिस्तान जहांके कबीलोंसे सिंकदरका मुकाबला हुआ। कुछ […]

सम्पादकीय

सम्मानजनक वापसी चाहते हैं आन्दोलनकारी

अजय कुमार क्याकिसान नेता कोरोनाकी आड़में लगातार कमजोर होते जा रहे आंदोलनको समाप्त कर देंगे? ताकि साख भी बची रहे और किसान नेताओंपर कोई यह आरोप भी न लगा पाये कि किसान नेताओंने अपनी सियासत चमकानेके किए सैंकड़ों किसानोंको कोरोना संक्रमित बना दिया। जैसा आरोप दिल्लीमें तबलीगी जमातपर लगा था। इससे इत्तर संभावना इस बातकी […]

सम्पादकीय

जीवनके दो पहलू

जग्गी वासुदेव काम और खेल जीवनके दो पहलू हैं, जिनकी क्षमताओंको लोगोंने महसूस नहीं किया है। किसी खेलको खेलना जीवनका एक ऐसा पहलू है, जिसमें पूरी तरह शामिल न होनेका कोई सवाल ही नहीं उठता है या तो आप अंदर होंगे या बाहर। आध्यात्मिक प्रक्रिया भी बिलकुल ऐसी ही है। यदि यही चीज अपने हर […]

सम्पादकीय

मैत्री सम्बन्धोंको प्रमुखता

बंगलादेश अपनी स्वतन्त्रताका पचासवां वर्ष मना रहा है। सन् १९७१ में वैश्विक पटलपर बांगलादेशका उभरना असमान्य घटना थी। पाकिस्तानके संस्थापक मुहम्मद अली जिन्नाने जिस प्रकार शातिर चालें चलकर पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तानका निर्माण कराया उसमें कुछ स्वार्थी नेताओंके हित भले ही सधे हों परन्तु आमजनताकी साधारण चेतना एवं नागरिक स्वतन्त्रताके अंत:करणमें विष घोल दिया था। […]

सम्पादकीय

होलीकी उमंगमें गहराती मादकता

हृदयनारायण दीक्षित होली जन-गण-मनका निरूद्देश्य खेल है। इसका कोई सुव्यवस्थित कर्मकाण्ड नहीं है। प्रकृति अपने उद्भवके समयसे उत्सवधर्मा है। सूर्य आनन्ददाता है। वह उगते समय ऊषा सुंदरी होते हैं। चन्द्रका उगना घटना और घटते-घटते अमावस्या हो जाना प्राकृतिक खेल है। चन्द्रका १५ दिनतक बड़ा होते जाना और पूर्णिमा होना है। वर्षा हेमंत, शरद् शिशिर और […]

सम्पादकीय

नया श्रम कानून लायेगी सरकार

 डा. भरत झुनझुनवाला  श्रमको रोजगार देनेकी मूल समस्याओंका वर्तमान लेबर कोडमें हल दिखता नहीं है। लेबर कोडमें कुछ प्रावधान श्रमिकोंके पक्षमें है जैसे अल्पकालीन श्रमिकोंको वे सभी सुविधाएं उपलब्ध करानेका प्रावधान किया गया है जो कि स्थायी श्रमिकोंको उपलब्ध हैं। दूसरी तरफ उद्योगोंको बंद करनेके लिए पूर्वमें सौ श्रमिकोंसे अधिकवाले कारखानोंको सरकारसे अनुमति लेनी पड़ती […]

सम्पादकीय

असम चुनावमें हिन्दीभाषियोंके हित

आर.के. सिन्हा असम विधानसभा चुनावोंमें सभी दल जनतासे तरह-तरहके लुभावने वादे करके वोट मांग रहे हैं। यह उनके राजनीतिक अभियानका हिस्सा भी है। नेताओंकी नजरें हिन्दीभाषियोंके वोटपर भी है। सीमावर्ती राज्य असममें हिन्दीभाषी मतदाताओंका आंकड़ा बहुत ही अधिक है। यह राज्यके तिनसुकिया और गुवाहाटीमें मुख्य रूपसे बसे हैं। वैसे तो यह लगभग सभी शहरोंमें ही […]

सम्पादकीय

प्रतिबद्धता 

श्रीश्री रविशंकर जीवनको देखनेके दो तरीके हैं। वह आपकी जिम्मेदारियोंको पूरा करनेके महत्वके बारेमें हैं। चाहे वह धन, शक्ति या कुछ और हो, आप खुशीकी खातिर इसमें जुट जाते हैं। कुछ लोग दुखका भी आनन्द लेते हैं, क्योंकि इससे उन्हें खुशी मिलती है। किसीका सारा जीवन भविष्यमें या किसी दिन खुश रहनेकी तैयारीमें बीता है। […]

सम्पादकीय

योगी सरकारकी जीत

सर्वोच्च न्यायालयने शुक्रवारको बसपा विधायक मुख्तार अंसारी प्रकरणमें महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए पंजाब सरकारको उन्हें दो सप्ताहके अन्दर उत्तर प्रदेश पुलिसको सौंपनेका निर्देश दिया है। साथ ही शीर्ष न्यायालयने पंजाब सरकारकी दलीलोंसे असहमति जताते हुए अंसारीकी याचिका भी खारिज कर दिया। मुख्तार अंसारी प्रकरणमें लम्बे समयसे पंजाब और उत्तर प्रदेशकी सरकारोंके बीच टकरावकी स्थिति उत्पन्न […]