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CBI को शुभेंदु अधिकारी समेत 4 नेताओं पर केस के लिए लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी का इंतजार


  • नई दिल्ली। नारद स्टिंग मामले में सीबीआई को भाजपा नेता तथा पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद शुभेंदु अधिकारी समेत चार नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। अधिकारी ने कुछ लोगों द्वारा एजेंसी के खिलाफ लगाये गये पक्षपात करने के आरोपों को खारिज कर दिया। सीबीआई ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों फरहाद हकीम तथा सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा तथा पूर्व पार्टी नेता शोभन चटर्जी को नारद मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

नारद मामले में ये नेता कथित तौर पर एक कैमरे में रिश्वत लेते हुए कैद हुए थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के चार नेताओं पर अभियोजन चलाने की मंजूरी दी थी जिसके बाद एजेंसी ने अपने आरोप-पत्र को अंतिम रूप दिया और उन्हें गिरफ्तार किया। अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने शुभेंदु अधिकारी, सौगत रॉय, प्रसून बनर्जी और काकोली घोष दस्तीदार पर अभियोजन के लिए लोकसभा अध्यक्ष से मंजूरी मांगी थी। जिस समय यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, उस समय चारों तृणमूल कांग्रेस के सांसद थे।

उन्होंने कहा, ”हमें मामले में मंजूरी का इंतजार है।” अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि 2017 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके मुकुल रॉय का नाम इस सूची में नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोमवार की गिरफ्तारियों के बाद दावा किया था कि सीबीआई ने अधिकारी और रॉय को छोड़ दिया क्योंकि वे भाजपा में शामिल हो गये। तृणमूल कांग्रेस के एक और विधायक तापस रॉय ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद बदला लेने की कोशिश कर रही है।

2014 में यह स्टिंग ऑपरेशन करने वाले नारद समाचार पोर्टल के संपादक मैथ्यू सैमुअल ने भी सवाल उठाया कि अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। उन्होंने कहा, ”मेरा मानना है कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।” प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच इस स्तर पर सीबीआई की कार्रवाई को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।