नई दिल्ली। कांग्रेस के भारी विरोध और सियासी संग्राम के बीच ईडी ने राहुल गांधी से लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ की। ईडी ने बुधवार को फिर राहुल को बुलाया है। एक अधिकारी ने बताया कि बयान दर्ज करने में समय लगता है, इसलिए कांग्रेस नेता को बुलाया गया है। ईडी की पूछताछ को कांग्रेस ने विपक्ष के नेता का राजनीतिक बदले की भावना से उत्पीड़न करार देते हुए दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के दोनों मुख्यमंत्रियों राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, पार्टी के तमाम सांसदों, कार्यसमिति के सदस्यों से लेकर कार्यकर्ताओं ने राहुल के समर्थन में सड़क पर पुलिस से संघर्ष किया और इन सभी को हिरासत में लिया गया।
पहले दौर में चार घंटे की पूछताछ
राहुल गांधी सुबह 11:05 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे। चार घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद करीब 3.30 बजे राहुल लंच के लिए बाहर निकले और अपने सरकारी आवास गए। करीब एक घंटे बाद 4.30 बजे वग फिर ईडी दफ्तर पहुंच गए। रात नौ बजे के बाद तक उनसे पूछताछ चलती रही।
सुरजेवाला ने उठाए चार सवाल
कांग्रेस ने इससे पहले सबेरे ही राहुल से की जा रही लंबी पूछताछ को राजनीतिक दमन करार दिया। पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेस में ईडी को भाजपा का इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट करार दिया। इसको लेकर चार सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर राहुल ही भाजपा के निशाने पर क्यों? क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज को दबाने का षड़यंत्र है ईडी की कार्रवाई? क्या राहुल गांधी मोदी सरकार द्वारा चंद धन्ना सेठों के हित साधने में रोड़ा बने हैं? और भाजपा सरकार हजारों करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च कर, अपने 40-50 मंत्री लगा व मीडिया पर दबाव डालकर केवल राहुल गांधी के खिलाफ ही इतनी ज्यादा हमलावर क्यों है?
राहुल की बुलंद आवाज से डर गई है सरकार : सुरजेवाला
उपरोक्त सवालों का खुद जवाब देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस की एकजुटता और राहुल की बुलंद आवाज से डर गई है। जब चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया और हमारे जवान शहीद हुए तो प्रधानमंत्री ने कहा ‘न कोई घुसा है, न कोई आया है।’ तब राहुल ही विपक्ष के अकेले नेता थे जिन्होंने सरकार को इस झूठ पर घेरा।