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RBI Credit Policy: RBI ने वित्त वर्ष 2022 में महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया


  • रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सीपीआई इंफ्लेशन (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स या खुदरा मुद्रास्फीति) का अनुमान 5.1 फीसदी पर कर दिया है। मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने बयान में कहा, अप्रैल से जून तक की पहली तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति का अनुमान 5.2 प्रतिशत किया गया है. इसके बाद दूसरी, तीसरी चौथी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान क्रमश: 5.4 प्रतिशत, 4.7 प्रतिशत 5.3 प्रतिशत कर दिया है. उन्होंने कहा कि अप्रैल में हेडलाइन मुद्रास्फीति में लाई गई 1.2 प्रतिशत अंक की कमी साल की पहली छमाही तक बनी रह सकती है. यह मानसून की प्रगति सरकार द्वारा प्रभावी आपूर्ति हस्तक्षेप पर आधारित होगी. दास ने आगे कहा, लॉकडाउन लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से मुद्रास्फीति पर जोखिम पैदा हुआ है.

ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने बढ़ती महंगाई की वजह से पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है. एमपीसी ने ब्याज दरों को लेकर एकोमोडेटिव रुख कायम रखा है. RBI ने रेपो रेट को 4 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी, MSFR बैंक रेट को 4.25 फीसदी पर स्थिर रखा है. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 26.2 फीसदी से घटाकर 18.5 फीसदी कर दिया गया है. दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है. वित्त वर्ष 2022 में रियल जीडीपी के अनुमान को 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया गया है.