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Republic Day 2023: मिस्र के राष्ट्रपति होंगे गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेहमान,


नई दिल्ली। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी देश के राजकीय मेहमान होंगे। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आमंत्रण उन्हें भेजा जा चुका है और मिस्त्र की तरफ से इसे स्वीकार भी कर लिया गया है। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच अल-सीसी की इस भारत यात्रा को अंतिम रूप देने पर लगातार विमर्श चल रहा है और अगर कोई बड़ी अड़चन नहीं आई तो जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी। दो वर्षों बाद गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमान को लाने की तैयारी है।

कोविड के कारण मेहमान नहीं आए थे भारत

बता दें कि कोविड महामारी की वजह से 2021 और 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी नेता राजकीय मेहमान के तौर पर नहीं आ पाया था। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अक्टूबर, 2022 में अपनी मिस्त्र दौरे में राष्ट्रपति सीसी से मुलाकात कर उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से राजकीय मेहमान बनने का आमंत्रण दिया था। इसका संकेत उन्होंने अपने ट्वीट में भी दिया था। अब मिस्र की तरफ से आमंत्रण स्वीकार करने के संकेत दिए गए हैं। मिस्र के राष्ट्रपति को बतौर राजकीय मेहमान बुलाने की भारत की रणनीति को अरब देशों के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की नई कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

अगले साल जी-20 की बैठक पर भारत की नजर

अगले वर्ष जी-20 देशों की बैठक नई दिल्ली में होने वाली है और भारत ने इसमें जिन गैर-सदस्यीय देशों को आमंत्रित किया है, उनमें मिस्र भी शामिल है। जी-20 बैठक सितंबर, 2023 में होने वाली है। इस तरह से देखा जाए तो अल-सीसी एक वर्ष में दो बार भारत यात्रा पर आ सकते हैं। इसके पहले मिस्त्र के राष्ट्रपति ने अक्टूबर, 2015 में नई दिल्ली का एक संक्षिप्त दौरा किया था। तब उन्होंने भारत-अफ्रीकी सम्मेलन में हिस्सा लिया था। 2016 में वह भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे। फिर 2017 में उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ चीन में द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी। 2020 में मोदी और सीसी के बीच टेलीफोन पर बात हुई थी और मोदी ने जल्द से जल्द मिस्र यात्रा पर आने की इच्छा जताई थी।

अरब देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर जोर

हालांकि, इन मुलाकातों के बावजूद दोनों देशों के रिश्तों को व्यापक स्वरूप नहीं दिया जा सका है। अब वैश्विक हालात में हो रहे बदलावों के मद्देनजर दोनों देशों को एक दूसरे की ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है। यही वजह है कि पिछले एक वर्ष में दोनों देशों के नेताओं के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ गया है। विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा से पहले सितंबर, 2022 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी वहां गए थे और राष्ट्रपति सीसी से मुलाकात की थी। सीसी ने दोनों से कारोबारी रिश्ते ज्यादा बढ़ाने को प्राथमिकता देने की बात कही थी। मिस्र ने भारत निर्मित रक्षा उपकरणों की खरीद की भी इच्छा जताई है। दूसरी तरफ, भारत मिस्र को अरब और अफ्रीकी महादेश में अपने बढ़ते प्रभाव के लिहाज से महत्वपूर्ण मानता है।