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RRR Movie: आलिया भट्ट के साथ ताबड़तोड़ प्रमोशन पर राजामौली,


नई दिल्ली, । बाहुबली डायरेक्टर एसएस राजामौली अपनी अपकमिंग फिल्म RRR के प्रमोशंस में जुटे हुए हैं और इन दिनों मुंबई में डटे हुए हैं। राजामौली आरआरआर को हिंदी दर्शकों के बीच बड़े पैमाने पर पहुंचाने के लिए हर जरूरी कवायद कर रहे हैं। हिंदी मीडिया को इंटरव्यूज देने के साथ हिंदी के लोकप्रिय टीवी शोज में स्टार कास्ट के साथ पहुंच रहे हैं।

इसी क्रम में आने वाले हफ्ते में राजामौली, रामचरन, एनटीआर जूनियर और आलिया भट्ट के साथ सोनी टीवी के बेहद लोकप्रिय शो द कपिल शर्मा शो में नजर आएंगे। इस शो की तस्वीरें और वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। कपिल शर्मा ने इन तस्वीरों को शेयर किया है।

वहीं, शो के कलाकार कृष्णा अभिषेक ने इंस्टाग्राम पर कुछ वीडियो शेयर किये हैं, जिनमें वो और कीकू शारदा दोनों कलाकारों के साथ फिल्म के बेहद लोकप्रिय गाने नाटू नाटू यानी नाचो नाचो पर सिग्नेचर स्टेप्स करते दिख रहे हैं। कृष्णा और कीकू, दोनों कलाकारों के आरआरआर वाले गेटअप में ही दिख रहे हैं।

आरआरआर 7 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। बाहुबली 2- द कन्क्लूजन के बाद राजामौली ने सिर्फ इसी फिल्म पर काम किया है और इसे भव्यता और विशालता देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बाहुबली सीरीज के बाद वैसे भी राजामौली से उम्मीदें और अपेक्षाएं पर्वताकार हो गयी हैं और इस फिल्म का पैन-इंडिया इंतजार किया जा रहा है।

शुक्रवार को आरआरआर कास्ट मुंबई के फिल्मसिटी में बिग बॉस के सेट पर स्पॉट की गयी। राजामौली के साथ राम चरन, एनटीआर जूनियर और आलिया भट्ट साथ दिखे। बिग बॉस 15 को सलमान खान होस्ट करते हैं। फिल्म के प्रमोशन के लिए एक बड़ी इवेंट मुंबई में आयोजित की गयी थी, जिसमें सलमान शामिल हुए थे। सलमान के करियर की सबसे अहम फिल्म बजरंगी भाईजान की स्क्रिप्ट राजामौली के पिता केवी विजयेंद्र ने ही लिखी थी।

रआरआर पीरियड फ़िल्म है, जिसकी कथाभूमि ब्रिटिश हुकूमत के दौर में स्थापित की गयी है। फिल्म की कहानी के केंद्र में दो स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिनकी भूमिकाओं में राम चरन और एनटीआर जूनियर हैं। आरआरआर का पूरा नाम Roudram Ranam Rudhiram है। जूनियर एनटीआर के किरदार का पूरा नाम कोमाराम भीम है। कोमाराम भीम स्वतंत्रता सेनानी थी, जिनके बारे में राजामौली ने बताया था कि उन्होंने पारम्परिक तौर-तरीकों से शिक्षा हासिल नहीं की थी और जवानी में ही अपना गांव छोड़कर चले गये थे। लेकिन, जब वापस आये तो पढ़े-लिखे व्यक्ति थे। उन्होंने आदिवासियों के लिए निजाम के शासन के खिलाफ जंग छेड़ी थी। उन्होंने गुरिल्ला युद्ध शैली अपनायी थी और बाद में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए थे।