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Social Media, OTT New Guidelines: तुरंत हटाना होगा आपत्तिजनक कॉन्‍टेंट, बताना होगा पोस्‍ट करने वाले का नाम,


केंद्रीय आईटी एन्ड टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोशल मीडिया गाइडलाइंस को लेकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की. इस दौरान रविशकंर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां भारत में बिजनेस कर सकती हैं, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. ऐसी-ऐसी चीजें सोशल मीडिया से आ रही हैं, जो समाज के लिए खतरनाक हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमें ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि बॉर्डर पार से भी सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार क्रिटिसिज्म का स्वागत करती है. हम सोशल मीडिया को सशक्त करना चाहते हैं, लेकिन इसको एब्यूज और मिसयूज के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा. लोगों को डिग्निटी का ध्यान रखना होगा. हमें ये शिकायत मिली कि इसका इस्तेमाल आतंक और समाज में दूरी बढ़ाने के लिए भी किया जाता रहा है. फेक न्यूज़ को बढ़ावा देना, फाइनेंसियल फ्रॉड जैसे कमियां यहां तेजी से फैली हैं. सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा में इसको लेकर पहले ही काफी संज्ञान लिया जा चुका है. हमने लोगों से सुझाव इस विषय में लिए हैं.

15 दिन में दूर करनी होगी शिकायत

उन्होंने कहा कि अब किसी भी मामले में 15 दिन में शिकायत दूर करना होगा. गड़बड़ी फैलाने वाले खुराफाती कंटेंट का पहला यूजर या ओरिजिनेटर कौन हैं वो भी सोशल मीडिया कंपनी को बताना पड़ेगा. इसके साथ ही अनलॉफुल एक्टिविटी को तुरंत हटाना होगा. कंटेंट फैक्ट चैक करना होगा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया को 2 श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल ​मीडिया इंटरमीडरी. सिग्निफिकेंट सोशल ​मीडिया इंटरमीडरी पर ज्यादा कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे.

अब कंपनियों को कुछ काम करने होंगे, जिसमें कुछ अधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही एक रिपोर्ट भी देनी होगी.

  1. चीफ कॉम्पलैन्स ऑफिसर
  2. नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन
  3. रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर
  4. मंथली कॉम्पलैन्स रिपोर्ट

OTT में उम्र को लेकर देना होगा सेल्फ कालिसिफिकेशन

वहीं प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि डिजिटल मीडिया पर गाइडलाइंस आईएनबी देखेगी. प्रेस वालों को काउंसिल का रूल फॉलो करना पड़ता है, टीवी वालों को केबल कानून फॉलो करना पड़ता है जबकि OTT प्लेटफार्म के लिए ऐसा नहीं है. लिहाजा अब सबके लिए लेवल प्लेइंग फील्ड देना होगा. स्वतंत्रता के हम पक्षधर हैं, लेकिन जिम्मेदारी वाली स्वतंत्रता होनी चाहिए. ग्रीवांस रिड्रेसल और सेल्फ रेगुलेशन लागू होगा.