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Tokyo Olympics Day 9: पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज जीत रचा इतिहास, हॉकी टीम 49 साल बाद सेमीफाइनल में


  • नई दिल्ली. बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता और पुरुष हॉकी टीम (indian Mens hock) ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर 41 साल बाद पदक की तरफ कदम बढ़ाये. इससे टोक्यो ओलंपिक खेलों (Tokyo Olympics 2020) में रविवार का दिन भारत के लिये ऐतिहासिक बन गया. रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियन छठी वरीय पीवी सिंधु ने चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराकर महिला सिंगल्स का कांस्य पदक जीता और ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं.

इसके बाद पुरुष हॉकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना विश्व चैंपियन बेल्जियम से होगा. भारत ने इससे पहले हॉकी में अपना आखिरी पदक 1980 में मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था. तब मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे और शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुकाबला हुआ था. इस तरह से भारत 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा.

सिंधु लगातार दो ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी
सिंधु के कांस्य पदक से भारत के टोक्यो ओलंपिक में पदकों की संख्या दो हो गयी है. इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता था. भारत अभी पदक तालिका में संयुक्त 59वें स्थान पर है. सिंधु से पहले दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य और लंदन 2012 खेलों में रजत पदक जीतकर ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे.

सिंधु बोलीं-मैं सातवें आसमान पर हूं
सिंधु ने कांस्य पदक जीतने के बाद कहा, ”मैं काफी खुश हूं क्योंकि मैंने इतने वर्षों तक कड़ी मेहनत की है. मेरे अंदर भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था- मुझे खुश होना चाहिए कि मैंने कांस्य पदक जीता या दुखी होना चाहिए कि मैंने फाइनल में खेलने का मौका गंवा दिया.” उन्होंने कहा,”मैं सातवें आसमान पर हूं. मैं इस लम्हें का पूरा लुत्फ उठाऊंगी. मेरे परिवार ने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है और काफी प्रयास किए जिसके लिए मैं उनकी आभारी हूं.” बिंग जियाओ के खिलाफ 16 मैचों में यह सिंधु की सातवीं जीत है जबकि उन्हें नौ मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी. इस मुकाबले से पहले सिंधू ने बिंग जियाओ के खिलाफ पिछले पांच में से चार मुकाबले गंवाए थे. सिंधु को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी.

हॉकी टीम पदक जीतने से बस एक कदम दूर
भारतीय हॉकी टीम की जीत में गोलकीपर पी आर श्रीजेश की भूमिका अहम रही. उन्होंने कई शानदार बचाव किये. भारत की तरफ से दिलप्रीत सिंह (सातवें), गुरजंत सिंह (16वें) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) ने गोल किये. ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से एकमात्र गोल सैमुअल इयान वार्ड (45वें) ने किया. भारत ने मध्यांतर तक 2-0 की बढ़त बना रखी थी. इसके बाद दूसरे क्वार्टर के शुरू में ही हार्दिक ने ब्रिटिश खिलाड़ियों से गेंद छीनी. इसे उन्होंने गुरजंत की तरफ बढ़ाया जिन्होंने उसे खूबसूरती से गोल के हवाले किया.

मुक्केबाजी और गोल्फ से भारत को निराशा हाथ लगी
बुरी तरह से चोटिल मुक्केबाज सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वार्टर में हारकर बाहर हो गए. प्री क्वार्टर फाइनल में लगी चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर कई टांके लगवाकर उतरे सतीश 0-5 से हारे. उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे.