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ULFA उग्रवादियों के चंगुल से छूटे ONGC कर्मचारी, 21 अप्रैल को हुआ था अपहरण


  • गुवाहाटी, । अपहृत ONGC कर्मचारी रितुल साइकिया (Ritul Saikia) को शनिवार सुबह ULFA(I) उग्रवादियों ने रिहा कर दिया। रितुल को भारत के नगालैंड से लगती म्यांमार की सीमा के पास आज सुबह उग्रवादियों ने छोड़ दिया। साइकिया का अपहरण 21 अप्रैल को हुआ था और आज नगालैंड के मोन जिला स्थित लोंगवा गांव की सीमा के पास छोड़ा।

असम पुलिस हेडक्वार्टर के शीर्ष अधिकारी ( top official) ने प्रेट्र को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि साइकिया को आज सुबह 7 बजे म्यांमार ( Myanmar) की ओर छोड़ा था और उन्हें भारत की ओर आने में उन्होंने 40 मिनट के करीब पैदल चलना पड़ा। उन्होंने आगे बताया, ‘साइकिया को आर्मी और नगालैंड पुलिस मोन पुलिस स्टेशन लेकर आई। उस वक्त असम पुलिस भी मौजूद थी और उन्हें घर वापसी के लिए सभी आवश्यक कार्रवाईयों को पूरा किया।’

ONGC के तीन कर्मचारियों का अपहरण 21 अप्रैल को असम-नगालैंड बॉर्डर के पास सिवासागर जिले के लकवा आयलफील्ड (Lakwa oilfield) से हुआ था। नगालैंड के मोन जिले में एनकाउंटर के बाद इसमें से दो कर्मचारी मोहिनी मोहन गोगोई ( Mohini Mohan Gogoi) और अलाकेश साइकिया (Alakesh Saikia) को 24 अप्रैल को छोड़ दिया गया था लेकिन साइकिया के लिए खोज जारी थी। बता दें कि साइकिया के लिए हिमंत विश्व शर्मा ने उल्फा (I) के प्रमुख परेश बरुआ से छोड़ने की अपील की थी। बीते गुरुवार को उन्‍होंने कहा कि तेल क्षेत्र पर बार-बार हमले से राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार तेल कंपनियों पर दबाव बनाएगी कि वे राज्य की प्रगति के लिए और निवेश करें, लेकिन ऐसा अनुकूल वातावरण में ही हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं परेश बरुआ से रितुल साइकिया को छोड़ने की अपील करता हूं। इससे पहले, हमने पहले यह अपील उल्फा से नहीं की , क्योंकि साइकिया के उसके पास होने की जानकारी नहीं थी लेकिन जब बरुआ ने कहा कि रितुल उनके पास है। इसलिए आज मैं अपील करता हूं। यदि कोई मांग है, तो साइकिया के अपहरण करने से वह पूरी नहीं होगी।’