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World Environment Day 2021: दीया मिर्जा, अजय देवगन समेत कई बॉलीवुड हस्तियों ने दिया पर्यावरण बचाने का संदेश


  • मुंबई,। आज पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस मना रही है। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। ऐसे में बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की है। दीया मिर्जा, भूमि पेडनेकर, अनुष्का शर्मा, आकाश कुमार, कार्तिक आर्यन जैसे कई अन्य सेलिब्रिटी ने पर्यावरण के प्रति चिंता जाहिर करते हुए लोगों से इस बचाने के लिए आगे आने की अपील की है।

पर्यावरण दिवस 2021 की थीम

इस बार पर्यावरण दिवस की थीम ‘इकोसिस्टम की बहाली’ रखी गई है। जिसके माध्यम से प्रकृति के साथ संबंधों को फिर से स्थापित करने पर है फोकस किया गया है।

बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने इस मौके पर जनता से पर्यावरण के बारे में सोचने और उसे स्वास्थ्य रखने के लिए आगे आने की अपील की है। बॉलीवुड अभिनेत्री और पर्यावरणविद दीया मिर्जा ने विश्व पर्यावरण दिवस 2021 पर लोगों से पृथ्वी को फिर से सुंदर बनाने, पुनर्स्थापित करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।

वहीं अभिनेता आयुष्मान खुराना ने भारत के उत्तर पूर्व इलाके की बेहद सुंदर तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, ‘विश्व पर्यावरण दिवस पर मैं आप लोगों के साथ तस्वीरों को साझा कर रहा हूं जो मैंने फिल्म अनेक की शूटिंग के दौरान लीं। यह सड़क हमें खासी हिल्स तक ले गई और फिर शूटिंग लोकेशन तक पहुंचने के लिए एक किलोमीटर का सफर तय किया। हाल ही में इसी स्थानपर सॉरोपॉड डायानसोर के 100 मिलियन पुराने जीवाश्म खोजे गये थे। हमारे देश में ऐसी बहुत सी अछूती जगह हैं। आइए इसे संरक्षित करें। यह कीमती हैं।’

वहीं अभिनेता अजय देवगन ने पर्यावरण दिवस के मौके पर लिखा, ‘ध्यान करें- कुछ जवाब आंतरिक जाल पर मिलते हैं। पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं।’

वहीं, अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इस मौके पर प्रकृति की सुंदरता की एक मनोहर तस्वीर साझा करते हुए जॉन बरोज का एक कथन लिखा। उन्होंने लिखा, ‘मैं खुद को शांत और चंगा करने और अपनी इंद्रियों को काबू में रखने के लिए प्रकृति के पास जाता हूं।’

इंसानी हवस के कारण पृथ्वी कि स्थिती हुई बदहाल

आज तेजी से बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं, बाढ़, भूकंप, गर्मी, बेमौसम बरसात मानव द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ का ही नतीजा है। असीमित छेड़छाड़ ने पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र को खतरे में डाल दिया है, जिसका परिणाम पृथ्वी के साथ साथ मानव जीवन पर भी पड़ रहा है। तेजी से बदलते पारिस्थितिक तंत्र के कारण हर साल नई नई बीमारियां जन्म ले रही है।

प्रकृति को बचाना समय की मांग

अब समय आ चुका है कि हम काल्पनिक सुंदरता के संसाधनों को जुटाने के बजाय प्राकृतिक सुंदरता की ओर लौटे। अगर प्रकृति का स्वरूप इसी तरह बदलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मानव जीवन पर मंडरा रहा खतरा इंसान के काबू से बाहर हो जाएगा।