Post Views: 676 जग्गी वासुदेव जोशक्ति सृजन (रचना) करती है, वह अपनी रचनासे गायब नहीं हो सकती, लेकिन वह बड़ी कुशलतासे खुदको तबतक छिपानेमें कामयाब रहती है, जबतक कि आप उसका नकाब हटानेकी कोशिश नहीं करते तो जिसे आप आध्यात्मिक प्रक्रिया कहते हैं, वह महज उस ईश्वरपर पड़े पर्देको हटाना है। कुछ संस्कृतियां और मत […]
Post Views: 651 डा. संजय कुमार दुबे हम बापूका ७३वां शहदत दिवसके रूपमें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए महान वैज्ञानिक आइंस्टीनके उस विचारको याद करते हैं, जिसमें उन्होंने गांधीजीके बारेमें कहा था कि आनेवाली नस्लें शायद ही यकीन कर पायें कि हाड़-मांससे बना कोई ऐसा व्यक्ति भी इस धरतीपर चलता-फिरता था। अपने सकारात्मक विचारोंसे पूरी दुनियाको […]
Post Views: 575 प्रो. संजय द्विवेदी कोरोनाके इस दौरने हर किसीको किसी न किसी रूपमें गंभीर रूपसे प्रभावित किया है। किसीने अपना हमसफर खोया है तो किसीने अपने घर-परिवारके सदस्य, दोस्त या रिश्तेदारको खोया है। इन अपूरणीय क्षतिका किसी न किसी रूपमें दिलोदिमागपर असर पडऩा स्वाभविक है, लेकिन मनोचिकित्सकोंका कहना है कि ऐसी स्थितिका लम्बे […]