Post Views: 544 सुरेश सेठ दुनियापर यह कैसी गाज गिरी है कि पिछले बरसके पूर्वाद्र्धसे शुरू हुआ कोरोना प्रकोप विदा लेनेका नाम ही नहीं ले रहा। पिछले वर्षान्ततक उसका दबाव कम हुआ और प्रतिबंध घटते वातावरणमें देशका उद्यमी, व्यवसायी, स्टार्टअप निवेशक और श्रमशील किसान खुली हवामें दम साधकर फिरसे अपने क्षेत्रकी टूट-फूटको संवारनेमें लगना चाहता […]
Post Views: 739 रणजीत सिंह किसी भी कार्यके लिए मनुष्य जब सक्रिय होता है तो उसके पीछे उसकी बुद्धि होती है। बौद्धिक क्षमताके आधारपर ही दुनियाके किसी भी देशका कोई भी नागरिक कार्यका निष्पादन करता है और उसीके अनुसार विकास तथा सफलता प्राप्त करता है और इसीके अनुसार समस्याएं और असफलताएं भी दर्ज करता है। […]
Post Views: 925 अभिनय आकाश सत्ताके लिए नैतिकताके मूल्य जानबूझकर तोड़े गये, भाषाकी मर्यादा भी टूटती रही। महाभारत क्या है। सत्ताके लिए निरन्तर टूटती मर्यादाएं। महाभारतके युद्धके वक्त तमाम तरहके कायदे तय हुए थे जैसे सूर्यास्तके बाद कोई शस्त्र नहीं उठायेगा, स्त्रियों, बच्चों और निहत्थोंपर कोई वार नहीं करेगा। महाभारत तो परम्पराओंकी कहानी है लेकिन […]