पटना

अलर्ट: बिहार में होगी बारिश और गिरेंगे ओले


पटना (आससे)। बिहार के दक्षिणी हिस्से में कुछ इलाकों में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान बढ़ कर 11 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया। न्यूनतम पारा में सात डिग्री की यह उछाल मौसमी दशा के हिसाब से बेहद असमान्य माना जा रहा है। अगले 48 घंटे बिहार के मौसम में फिर बदलाव होने जा रहा है। पटना, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, जहानाबाद, बक्सर, भोजपुर की एक-दो जगहों पर बारिश के साथ ही ओले भी पडऩे की आशंका है।

आइएमडी के मुताबिक 23 जनवरी को ओलावृष्टि और तेज हवाओं की गिरफ्त में आने की आशंका है। इसके बाद फिर ठंड बढ़ेगी। पूरे प्रदेश में न्यूनतम तापमान अब भी सामान्य से कम ही है। अगले 24 घंटे में इसमें दो से चार डिग्री का इजाफा संभव है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश में आठ या इससे कम तापमान 10 से अधिक जिलों में रहा। इनमें मुख्य रूप से पटना, भागलपुर, छपरा, दरभंगा, मोतिहारी, जमुई, बेगूसराय, खगडिय़ा, बांका और पूसा शामिल हैं। शुक्रवार को छपरा और समस्तीपर (पूसा) प्रदेश में सबसे ठंडे स्थान रहे।

आइएमडी के मुताबिक पटना का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम आठ डिग्री सेल्सियस, अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में करीब चार से पांच डिग्री की वृद्धि दर्ज हुई है। गया में न्यूनतम तापमान पिछले रोज की तुलना में सात डिग्री बढक़र 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

गया का अधिकतम 22.7 डिग्री रहा। भागलपुर में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.6 और न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 8.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं पूर्णिया का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 22.4 और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 9.5 डिग्री दर्ज किया गया।

आइएमडी की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अगले 24 घंटे में ठंड से आंशिक राहत मिल सकती है। दरअसल, पछुआ की जगह दक्षिणी-पूर्वी हवा चलने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। इसकी वजह से न्यूनतम तापमान कुछ बढ़ सकता है। 21 जनवरी को उत्तर-पश्चिम बिहार में कुछ जगहों पर हल्की बारिश होने के आसार हैं।

वहीं, 22 से 24 जनवरी तक को पश्चिमी, मध्य और पूर्वी बिहार में कई स्थानों पर सामान्य से कुछ अधिक बारिश हो सकती है। इस दौरान कहीं-कहीं ठनका गिरने और ओलावृष्टि की भी आशंका है। आइएमडी के मुताबिक इस मौसमी बदलाव का कारण एक बार फिर सक्रिय हो रहा पश्चिमी विक्षोभ और एक विशेष चक्रवाती सिस्टम है। यह चक्रवाती सिस्टम मध्य भारत में सक्रिय है।