पटना

पटना: विधानसभा में राजस्व मंत्री की घोषणा- टोपोलैंड भूमि पर हक के लिए नयी नीति जल्द


      • कांवर झील का होगा जीर्णोद्घार : श्रवण
      • पुराने नियम पर काम करने को लेकर मांगेंगे केंद्र से परामर्श

(आज समाचार सेवा)

पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा है कि टोपोलैंड की जमीन पर आधिपत्य को लेकर चल रहे विवाद का जल्द समाधान होगा। इसके लिए सरकार जल्द ही सम्यक नीति लायेगी। बुधवार को राजस्व मंत्री डा संजीव कुमार एवं अन्य के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि समस्या के निदान के लिए विधि विभाग से परामर्श प्राप्त किया गया है। टोपोलैंड की जमीन असर्वेक्षित भूमि है। इसके स्वामित्व व अधिकार को लेकर महाधिवक्ता ने अपने परामर्श में कहा है कि असर्वेक्षित भूमि सरकारी भूमि है। इस प्रकार की भूमि को सरकार के दखल एवं स्वामित्व में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। परामर्श के आलोक में सरकार ने असर्वेक्षित भूमि-टोपोलैंड पर जल्द ही सभी पक्षों से वार्ता कर सहमति प्राप्त नयी नीति की घोषणा करेगी। फिलवक्त यह कार्रवाई विचाराधीन है।

टोपोलैंड की जमीन १४ जिले में अवस्थित है। इासके तहत जंगल, नदी एवं चौर आदि किस्म की जमीनें आती है। स्वामित्व व अधिकार से संबंधित मामलों के निबटारे के विभाग स्तर कमेटी गठित की गयी है। कमेटी सभी संबंधित विभागों से परामर्श पर नीति निर्धारण को लेकर अग्रेतर कार्रवाई करेगी। कमेटी को १९ मार्च तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसमें विधि विशेषज्ञ एवं भूमि से संबंधित विशेषज्ञों से भी परामर्श प्राप्त किया जायेगा।

पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने बताया कि जल्द ही समस्या के निदान को लेकर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। स्पीकर ने नियम देते हुए कहा कि किसान अन्नदाता हैं। उनके साथ न्याय होना चाहिए। जल्द ही सभी पक्षों से सहमति प्राप्त कर नीति निर्धारण करें।

प्रभारी पर्यटन मंत्री श्रवण कुमार ने कुंदन कुमार एवं अन्य द्वारा लाये गये ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब देते हुए बताया कि कांवर झील को अतिक्रमणमुक्त करने एवं पर्यटकीय स्थल के रुप में विकसित करने को लेकर डीएम बेगूसराय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है जो संप्रति अप्राप्त है। डीएम से रिपोर्ट मिलने के बाद कांवर झील को अतिक्रमण मुक्त कर उसे पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जायेगा। इसके साथ जयमंगलागढ़ मंदिर को भी पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित किया जायेगा।

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने १५वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि के पुरानी प्रक्रिया के आधार पर ही खर्च करने की अनुमति देने को लेकर लाये गये ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए बताया कि हम इसके लिए केंद्र को पत्र भी लिखिेंगे और वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता कर अनुमति मांगेगे।

सदस्यों का कहना था कि वर्तमान पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। अगर अनुमति नहीं मिली तो वे राशि खर्च करने से वंचित हो जायेंगे। केंद्र से टाइड और अनटाइड फंड के रुप में विभाग को ५०१८ करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जो प्रक्रियात्मक कारणों से खर्च नहीं हो पा रहा है। सरकार पूरी राशि खर्च करने को लेकर कटिवद्ध है।