पटना

पटना: मातृभाषा में दी जायेगी प्राथमिक शिक्षा


सरकार का ध्यान अब ‘लर्निंग आउटकम’ पर : विजय चौधरी

(आज समाचार सेवा)

पटना। राज्य के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि आने वाले समय में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषाओं को शिक्षण का माध्यम बनाया जायेगा। महात्मा गांधी का भी यही विचार था। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के सभी संसाधन उपलब्ध कराये जा चुके हैं। स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ चुकी है, उन्हें भोजन, पोशाक, साइकिल सब दिया जा चुका है। उन बातों को मैं दुहराना नहीं चाहता। पढ़ाने की हर सुविधा लोगों को दी जा चुकी है। अब हमारा ध्यान ‘लर्निंग आउटकम’ पर है।

श्री चौधरी बुधवार को विधान सभा में शिक्षा विभाग के अनुदान मांग पर आयोजित वाद-विवाद में सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था के केन्द्र में शिक्षक होते हैं। सरकार शिक्षकों की सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन शिक्षकों को भी अपना शत-प्रतिशत शिक्षण कार्य में देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय पदाधिकारी शिक्षकों को परेशान न करें।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने महिलाओं-बालिकाओं की शिक्षा बढ़ाने के लिए पूरा ध्यान दिया है। कुछ वर्ष पहले तक बच्चिायों को अनेक बंधनों में रखकर, उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जाता था। हमारी सरकार ने उन्हें आगे लाकर शिक्षित किया और हर क्षेत्र में आने का अवसर दिया।

उन्होंने कहा कि वाद-विवाद में विपक्ष ने जो अच्छे सुझाव दिये हैं, उसे सकारात्मक रूप से अमल में लाया जायेगा। हमारी सरकार बिहार की सूरत बदलने में लगी है। जब तक बच्चे शिक्षित नहीं होंगे, यह काम पूरा नहीं होगा। नयी शिक्षा नीति में पूरे बजट में जीडीपी का ६ प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने का सुझाव दिया गया है। हमने पूरे बजट का २१.९४ प्रतिशत शिक्षा के मद में निर्धारित किया है, जो जीडीपी के ६ प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करता है।

गांधी जी के विचारों को उद्यृत करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि गांधी जी शिक्षा और साक्षरता को अलग-अलग करके देखते थे। वे साक्षरता को सिर्फ अक्षर ज्ञान, जबकि शिक्षा का लक्ष्य शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करना था। आदमी को नैतिक शिक्षा का ज्ञान भी होना चाहिये। इसके पूर्व विजय शंकर दूबे ने कटौती का प्रस्ताव लाया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। वाद-विवाद में अवध बिहारी चौधरी, पवन कुमार जायसवाल, लेसी सिंह, क्षत्रपति यादव समेत १९ सदस्यों ने हिस्सा लिया।