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उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति शांतनागौदर को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित की दिन भर की न्यायिक कार


  • उच्चतम न्यायालय ने अपने सेवारत न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एम एम शांतनागौदर को श्रद्धांजलि देने के बाद सोमवार की दिनभर की न्यायिक कार्यवाही स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति शांतनागौदर का 24 अप्रैल की रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 62 वर्ष के थे। नव नियुक्त प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने अपने पहले कार्यकारी दिवस पर शीर्ष अदालत परिसर में न्यायमूर्ति शांतनागौदर के सम्मान में आयोजित श्रृद्धांजलि सभा की अध्यक्षता की और न्यायालय में आज मुकदमों की सुनवाई करने वाले कई अन्य न्यायाधीश इसमें शामिल हुए। प्रधान न्यायाधीश ने घोषणा की कि वे दिवंगत आत्मा के सम्मान में दो मिनट का मौन रखेंगे और कहा कि वे न्यायमूर्ति शांतानागौदर के अचानक निधन से बहुत दुख एवं पीड़ा में हैं।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति ए रविंद्र भट और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शोक सभा में शामिल हुए। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं उच्चतम न्यायालय बार एसोसिशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह और अधिवक्ता शिवाजी जाधव ऑनलाइन माध्यम से इस सभा में शामिल हुए। शोक सभा के अंत में, प्रधान न्यायाधीश रमण ने घोषणा की कि आज दिन भर कोई न्यायिक कार्यवाही नहीं होगी और कहा कि आज के लिए सूचीबद्ध सभी मामलों की सुनवाई अब मंगलवार को की जाएगी। न्यायमूर्ति शांतनागौदर को 17 फरवरी, 2017 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया था। उनका कार्यकाल पांच मई, 2023 तक था।