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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा 200 पेजों का नेशनल कोविड प्लान,


  • केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि किसी भी देश में मेडिकल ऑक्सीजन असीमित नहीं होती और प्रधानमंत्री की ओर लगातार निगरानी से कोविड-19 मरीजों को युद्ध स्तर पर राहत मुहैया कराई जा रही है. सरकार ने कहा कि देश में उपलब्ध ऑक्सीजन सभी राज्यों को खासकर कोविड-19 के ज्यादा मामलों से जूझ रहे राज्यों को संतुलित तरीके से मुहैया कराई जा रही है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण उपलब्ध संसाधन के हिसाब से कुछ तंगी हुई जिससे पेशेवर तरीके से निपटना होगा और सही इस्तेमाल करना होगा. केंद्र ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय युद्ध स्तर पर 162 पीएसए (स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक) संयंत्र लगाने की प्रक्रिया में है. महामारी के दौरान जरूरी सामानों और सेवाओं के वितरण पर स्वत: संज्ञान लिए गए मामले में केंद्र ने 200 पन्ने का हलफनामे दाखिल किया है. जज डीवाई चंद्रचूड़, जज एल नागेश्वर राव और जज एस रवींद्र भट की पीठ ने हलफनामे को रिकॉर्ड पर रखा और मामले में शुक्रवार को अगली सुनवाई होगी.

किसी भी देश में मेडिकल ऑक्सीजन असीमित नहीं- सरकार

सरकार ने कहा है कि ये उल्लेख करना जरूरी है कि किसी भी देश में मेडिकल ऑक्सीजन असीमित नहीं है. सरकार ने ऑक्सीजन संसाधन को जुटाने के लिए तमाम प्रयास शुरू कर दिए हैं और उपलब्ध सभी स्रोतों से और ऑक्सीजन हासिल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. किसी भी समय उपलब्ध ऑक्सीजन को देश के सभी राज्यों खासकर कोविड-19 के ज्यादा इलाज करा रहे मरीजों वाले राज्य में संतुलित तरीके से इसका वितरण किया जाना है.

हलफनामे में कहा गया है कि ये उल्लेख करना ठीक होगा कि महाराष्ट्र में उत्पादन क्षमता से ज्यादा मांग है. वहीं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता नहीं है. इसके अलावा उत्पादन करने वाले राज्यों में भी ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है. पीएसए प्लांट्स की शुरुआत के संबंध में केंद्र ने कहा है कि ये प्लांट अस्पतालों में लगाए जाएंगे.

केंद्र ने कहा कि ऐसे 38 प्लांट्स लगाए जा चुके हैं और 30 अप्रैल 2021 तक 21 और प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इसके बाद 31 मई तक 105 प्लांट्स लगाए जाएंगे. वहीं 30 जून तक ऐसे प्लांट्स की संख्या 156 हो जाएगी. इसके अतिरिक्त छोटे शहरों और कस्बों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जिला मुख्यालयों में अस्पतालों में 500 और पीएसए प्लांट्स स्थापित किए जाने हैं.