पटना

कोरोना, टीबी और बाल रोग से बिहार को मिलेगी निजात


बाल स्वास्थ्य व टीबी की रोकथाम पर होंगे 96.63 करोड़ खर्च : मंगल

(आज समाचार सेवा)

पटना। शिशु स्वास्थ्य प्रतिरक्षा, टीबी और कोविड-१९ की जरूरी दवाओं व उपकरणों की खरीद पर १२८ करोड़ खर्च होंगे। यह जानकारी बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी। उन्होंने बताया कि बिहार को यह राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्रांश मद में मिली है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कोविड-१९ इमरजेंसी रिस्पांस के लिए केंद्रान्श मद की ३३.१२ करोड़ की राशि सहायक अनुदान के मद में और शिशु स्वास्थ्य प्रतिरक्षा व टीबी की रोकथाम की दिशा में दवा की खरीद के लिए ९४.६३ करोड़ रुपये राज्य स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध कराया गया है।

कोरोना महामारी से बचाव के लिए जरूरी सामग्री की खरीद के लिए इसके पूर्व ८० करोड़ का आवंटन बिहार चिकित्सा सेवाएं व आधारभूत संरचना निगम को किया जा चुका है। कोरोना से निबटने की दिशा में विभाग पूरी मुस्तैदी से जुटा है। कोरोना की दूसरी लहर से बचाव के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है।

उन्होंने दावा किया कि बाल शिशु स्वास्थ्य और टीबी को हराने के लिए सरकार गंभीर है। शिशु मृत्युदर में भी कमी लाने में विभाग की सजगता और टीम भावना से कार्यरत अधिकारियों के सद्प्रयासों से साल-दर-साल इस आंकड़ें में कमी आ रही है। सरकार का प्रयास है कि नवजात एवं ० से पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु दर के आंकड़ों को कम किया जाये। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शिशु स्वास्थ्य प्रतिरक्षा व टीबी की रोकथाम के लिए प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।

इसके लिए केन्द्र से मिलनेवाली अनुपातिक राशि के अलावा राज्य सरकार भी ससमय राज्यांश उपलब्ध करा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बाल स्वास्थ्य प्रतिरक्षा कार्यक्रम व टीबी की रोकथाम के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के बीच ६०:४० समानुपातिक भार है। बाल स्वास्थ्य के साथ टीबी की बीमारी को जड़ से उखाडऩे के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क पहनने से टीबी से काफी हद तक बचा जा सकता है। कोरोना के साथ टीबी भी संक्रामक रोग है। उन्होंने शिशु मृत्यु दर के आंकड़ें को न्यूनतम करने के लिए लोगों से अपने बच्चों को समय पर सभी टीके लगवाने की अपील की। उन्होंने बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बच्चों को लगनेवाले टीके नि:शुल्क उपलब्ध हैं।