पटना

खगड़िया: जिलाधिकारी ने संक्रमण नियंत्रण को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर दिए निर्देश


खगड़िया (आससे)। कोविड के दूसरे लहर में बढ़ते मामलों पर नियंत्रण हेतु प्रखंड स्तर पर उठाए गए कदमों के समीक्षा हेतु  सोमवार को जिलाधिकारी  आलोक रंजन घोष ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों, थाना प्रभारियों एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से वार्ता की। जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने समाहर्ता प्रकोष्ठ से, जबकि प्रखंड एवं अंचल स्तरीय  पदाधिकारियों ने प्रखंड एनआईसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लिया। बैठक में

सक्रिय कोविड मामलों, कोविड सेंपलिंग की संख्या एवं इसका विखंडन, पॉजिटिव मरीजों में वितरित मेडिकल किट की संख्या, बचे हुए पॉजिटिव मरीजों के बीच किट वितरण की योजना, सक्रिय कंटेनमेंट जोनों की संख्या, एवं प्रतिनियुक्ति के  आदेश की स्थिति, कोविड के प्रति जागरूकता जगाने के लिए प्रचार वाहनों की संख्या,  खोले गए सामुदायिक किचनों की संख्या, सामुदायिक किचन के संचालन हेतु आवंटन प्राप्ति की स्थिति,  कोविड  टेस्टिंग की स्थिति, मरीजों से गृह-भेंट, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धि, टीकाकरण सत्र स्थानों की सुरक्षा, लॉकडाउन  आदेश के उल्लंघन में की गई कार्रवाई पर विस्तृत चर्चा की गई।

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी महोदय ने निर्देश दिया कि प्रखंड स्तरीय नियंत्रण कक्ष से फोन करके यह जानकारी प्राप्त की जाए कि कितने आशा, एएनएम गृह-भेंट करने जा रही है। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जितनी मेडिकल टीमें कोविड सैंपलिंग हेतु जा रही हैं, उसका  दस्तावेजीकरण भी करना है। मरीजों के तापमान, ऑक्सीजन स्तर के माप का रिकॉर्ड भी रखने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी  ने कोविड सैंपलिंग की संख्या बढ़ाकर वर्तमान स्तर से 2-3 गुना करने का भी निर्देश दिया। इसके लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या एवं  मोबाइल मेडिकल टीमों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। जिन इलाकों में कोई पॉजिटिव की संख्या ज्यादा मिल रही है उन इलाकों में विशेष रुप से कोविड सैंपलिंग करनी है। कंटेनमेंट जोनों के आसपास भी सैंपलिंग करनी है।  टीकाकरण सत्र स्थलों पर भी सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।

जिला स्तर पर इस बैठक में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, प्रखंडों के प्रभारी वरीय उप समाहर्ता, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने भाग लिया।