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जमुई: कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले में बड़ी काररवाई, सिविल सर्जन सहित कई पर गिरी गाज


जमुई (आससे)। बिहार के जमुई में कोरोना टेस्टिंग के नाम पर गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार पूरी तरह एक्शन में नजर आ गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जमुई के सिविल सर्जन समेत वहां के कई स्वास्थ्य कर्मियों को निबंलित कर दिया है। साथ ही कई अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। कुछ कर्मियों को बर्खास्त भी किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जमुई के सिविल सर्जन डॉ विजयेंद्र सत्यार्थी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधांशु नारायण लाल को सस्पेंड कर दिया है। इनके अलावा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विमल कुमार चौधरी पर भी गाज गिरी है। साथ ही बरहट के प्रभारी डॉ एनके मंडल और सिकंदरा के प्रभारी डॉ साजिद हुसैन को भी निलंबित किया गया है जबकि 4 अन्य कर्मियों को बर्खास्त करने की बात भी सामने आ रही है।

आपको बता दें कि बिहार में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के आंकड़ों में नाम, उम्र और फोन नंबर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। पटना, जमुई और शेखपुरा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 600 डेटा एंट्री और जांच रिपोर्ट दोनों में ही गड़बड़ी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना, शेखपुरा और जमुई के 6 पीएचसी में 16, 18 और 25 जनवरी को कोरोना जांच के 588 एंट्री की जांच की गई तो पता चला कि डेटा प्रोटोकॉल को पूरा करने के लिए नाम, उम्र और मोबाइल फोन नंबर की पूरी डेटा एंट्री ही फर्जी थी। जब इन डेटा का मिलान किया गया तो पता चला कि जमुई जिले के बरहट की 230 एंट्री में 12, सिकंदरा की 208 एंट्री में 43 और जमुई सदर की 150 में 65 मामलों में ही कोरोना जांच को वेरिफाई किया जा सका।

कोरोना टेस्ट में फोन नंबर को भी गलत दर्शाया गया था। बरहट में तीन अलग-अलग तारीखों के 14, 11 और 11 फोन नंबर गलत पाए गए। जमुई के बरहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रिकॉर्ड में दर्ज उन 48 लोगों में से 28 लोगों के मोबाइल नंबर एक ही हैं, जिन्हें 16 जनवरी को कोविड जांच के रूप में दिखाया गया था। साथ ही 25 जनवरी को भी 83 लोगों में से 46 के मोबाइल नंबर की जगह 10 शून्य लिखा गया है।

पीएचसी जमुई सदर में भी 16 जनवरी को 150 एंट्री में से 73 के लिए मोबाइल नंबर की जगह 10 शून्य का इस्तेमाल किया गया है। जमुई के बरहट में ही एक ऐसा फोन नंबर मिला जिसे आरटी-पीसीआर टेस्ट के 26 मामलों में दर्ज किया गया था। यह फोन नंबर यहां से सौ किलोमीटर दूर बांका जिले के शंभूगंज निवासी मजदूर बैजू रजक का था उसने इन लोगों से किसी तरह के संबंध से इंकार किया। इन 26 में 11 पुरुष, 6 महिलाएं और 9 बच्चे थे।

डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि सिविल सर्जन सहित चार स्वास्थ्य पदाधिकारियों को निलंबित किया गया है। जबकि चार संविदा पर तैनात पदाधिकारियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया की जा रही है।

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किसी को बख्शा नहीं जायेगा : मुख्यमंत्री

प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में गड़बड़ी करनेवालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जायेगा। कोरोना के आंकड़ों में गड़बड़ी संबंधी पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से बातचीत हुई है। प्रधान सचिव ने बताया है कि अबतक २२ जिलों से जानकरी ली गयी है। एक जिले में कुछ समस्या है जिस पर तत्काल काररवाई की जा रही है।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भी इससे संबंधित प्रश्न उठाया गया है। आज दिन में ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को भी जानकारी भेज दी गयी है। वैसे प्रतिदिन कोरोना संक्रमण से संबधित मेरे पा शाम में विस्तृत जानकारी आती है। किस जिले में कितनी जांच हुई है और वर्तमान में कितने लोग प्रभावित हैं, कितने लोग ठीक हो गयी हैं, इस संबंध में सभी जानकारियां मिलती हैं। पहले दिन से ही कोरोना से संबंधित एक-एक जानकारी मेरे पास आती रही है और सब रिपोर्ट रखी हुई है।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई रिपोर्ट है कि जांच नहीं की गयी है और लिख दिया गया है तो यह गलत है। ऐसे लोगों पर सख्त काररवाई होगी। इस विषय में विस्तृत जानकारी लेंगे। बिहार में कोरोना की काफी जांच हुई है और ठीक हुई है। कल शाम के आंकड़ों के अनुसार देश में दस लाख की आबादी पर औसतन जो जांच हो रही है, उससे २२ हजार ज्यादा जांच बिहार में हुई है। अगर किसी को लग रहा है कि कहीं कोई गड़बड़ी हुई है तो एक-एक चीजों की जांच होगी। दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।