पटना

तीन साल के बाद पीएमसीएच दुनिया का दूसरा बड़ा अस्पताल बनकर उभरेगा : मंगल


शताब्दी समारोह की तैयारी अभी से शुरू करें, इसके लिए आयोजन समिति का गठन करें

पीएमसीएच का 97वां स्थापना दिवस

(आज समाचार सेवा)

पटना। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आज संस्थान 97वां साल पूरा हो गया है। लेकिन, तीन साल बाद 100 साल पूरे होंगे, तो कार्यक्रम अविश्वसनीय, अद्भुत होना चाहिए। इसके लिए अभी से ही तैयारी में जुट जाएं।

उक्त बातें शुक्रवार को पीएमसीएच के 97वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति हो या फिर संस्थान 100 साल पूरा करना सामान्य नहीं होता। आज 97वां स्थापना दिवस मना रहे है। लेकिन, तीन साल के बाद 100वां साल मनायेंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल का कार्य जोरों पर है। अस्पताल को तीन फेज में बनाया जा रहा है।  2025 तक एक फेज का निर्माण निश्चित रूप से पूरा हो जाएगा। दूसरा फेज में काम प्रवेश कर जाएगा। पहला फेज में 1800 से अधिक बेड होंगे। जब अस्पताल 100वां साल मनायेगा, उस समय दुनिया का सबसे दूसरा बड़ा अस्पताल होगा।

उन्होंने कहा कि 100वॉ साल पूरा होने में समय नहीं लगता। शताब्दी वर्ष पूरा होने पर भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इसके लिए अभी से ही तैयारी में जुट जाएं। इसके लिए आयोजन समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह के अवसर पर इस महाविद्यालय से पढक़र निकले छात्र-छात्राएं एवं चिकित्सक दुनिया के कोई कोने में हो, उस कार्यक्रम में जरूर शामिल होना चाहिए। इन सभी को खोजे और जरूर-जरूर से आमंत्रित करें।

अस्पताल के प्राचार्य डा. विधापति चौधरी ने बताया कि आज महाविद्यालय के 97वां स्थापना दिवस मनाया गया। यह बहुत ही खुशी की बात है। 72 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। जिसमें प्रथम टॉपर हफ्सा इशरत प्रवीण को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। दूसरा टॉपर आशना कुमारी को 6 गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया।

इसके अलावे कॉलेज के कई छात्रों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय रहा। एक ही छत के नीचे पूर्ववर्ती छात्र भी एक-दूसरे से मिले और बातें भी हुई। कार्यक्रम में अस्पताल के अधीक्षक डा.आईएस ठाकुर, डा. हई, विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डा.आरएन सिंह, डा.एके अग्रवाल, डा.सत्यजीत सिंह, डा. वीरेन्द्र, डा. केशव, डा. सहजानंद प्रसाद सिंह सहित जाने-माने चिकित्सक उपस्थित थे।