पटना

नयी व्यवस्था में चलेगा उच्चतर शिक्षा अभियान


      • उच्चतर शिक्षा परिषद को स्टेट नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी
      • यूनिवर्सिटी-कॉलेजों को इम्पलिमेंटिंग एजेंसी का जिम्मा
      • रुसा की नयी व्यवस्था की ट्रेनिंग कुलसचिव-प्रधानाचार्यों को आज

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। नयी पद्धति के तहत राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) से संबंधित सभी व्यय के लिए बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद अब स्टेट नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय  एवं महाविद्यालय इम्पलिमेंटिंग एजेंसी के रूप में काम करेंगे।

दरअसल, केंद्र प्रायोजित सभी योजनाओं के संचालन के पीएफएमएस पद्धति में आंशिक परिवर्तन किया गया है। यह परिवर्तन भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा किया गया है। नयी व्यवस्था में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से संबंधित सभी व्यय के लिए स्टेट नोडल एजेंसी की जिम्मेदारी राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद को तथा इम्पलिमेंटिंग एजेंसी की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय  एवं महाविद्यालय को सौंपी गयी है।

इसे ‘पेरेंट-चाइल्ड’ व्यवस्था का नाम दिया गया है। इसके कार्यान्वयन को लेकर विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों एवं महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके लिए राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद ने शनिवार को यहां ए. एन. सिन्हा इंस्टीच्यूट के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया है।

इसका उद्घाटन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी करेंगे। कार्यशाला में शामिल होने के लिए राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव-सह-राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ द्वारा संबंधित 12 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों एवं 62 महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिये गये हैं। श्री आओ शिक्षा विभाग के सचिव भी हैं। जिन 12 विश्वविद्यालयों के कुलसचिव बुलाये गये हैं, उनमें पटना विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय शामिल हैं।

इसी प्रकार 62 महाविद्यालयों में पटना शहर के मगध महिला कॉलेज, एएन कॉलेज, जेडी वीमेंस कॉलेज, बीडी कॉलेज, आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज, अरविंद महिला कॉलेज, पटना ट्रेनिंग कॉलेज, टीपीएस कॉलेज एवं कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस सहित एसएमडी कॉलेज (पुनपुन), गया कॉलेज (गया), टीएनबी कॉलेज (भागलपुर), सीएम साइंस कॉलेज (दरभंगा), महारानी कल्याणी कॉलेज (लहेरियासराय),  मुंशी सिंह कॉलेज (मोतिहारी), राजेंद्र मिश्र कॉलेज (सहरसा), रामकृष्ण कॉलेज (मधुबनी), जीडी कॉलेज (बेगूसराय), समस्तीपुर कॉलेज (समस्तीपुर), आरएएआर कॉलेज (समस्तीपुर), मिल्लत कॉलेज (दरभंगा), जगदम कॉलेज (छपरा), एलएस कॉलेज (मुजफ्फरपुर), आरएन कॉलेज (हाजीपुर), सुंदरवती महिला कॉलेज (भागलपुर), एचपीएस कॉलेज (मधेपुर, मधुबनी), सीएम आट्र्स कॉलेज (दरभंगा), श्रीकृष्ण महिला कॉलेज (बेगूसराय), वीमेंस कॉलेज (समस्तीपुर), रामेश्वरलता संस्कृत कॉलेज (दरभंगा), एमडीडीएम कॉलेज (मुजफ्फरपुर), लक्ष्मीनणारायण कॉलेज (वैशाली), आरडीएस कॉलेज (मुजफ्फरपुर), शिवदेनी साव कॉलेज (अरवल),  जेपी महिला कॉलेज (छपरा), महिला कॉलेज (डालमिया नगर), एमएम महिला कॉलेज (आरा), आरडी कॉलेज (शेखपुरा), मारवाड़ी कॉलेज (भागलपुर), एसएस कॉलेज (जहानाबाद), एसएमएससी कॉलेज (शेरघाटी), बीआरएम कॉलेज (मुंगेर), एमभी कॉलेज (बक्सर), एसएनएस कॉलेज (मोतिहारी), शेरशाह कॉलेज (रोहतास), नालंदा कॉलेज (नालंदा), एमएलएसएम कॉलेज (दरभंगा), जीएलएम कॉलेज (बनमन्खी), जगजीवन कॉलेज (गया), एसपी जैन कॉलेज (सासाराम), डीके कॉलेज (डुमरांव), महिला शिल्प कला भवन कॉलेज (मुजफ्फरपुर), राजेंद्र कॉलेज (छपरा), एचडी जैन कॉलेज (आरा), जगजीवन कॉलेज (आरा), सबौर कॉलेज (सबौर), लक्ष्मीनारायण दूबे कॉलेज (मोतिहारी), सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज (औरंगाबाद), धर्म समाज  संस्कृत कॉलेज (मुजफ्फरपुर), सत्येंद्र नारायण सिन्हा कॉलेज (टेकारी) एवं पूर्णिया कॉलेज (पूर्णिया) शामिल हैं।