पटना

पटना: अक्षर आंचल योजना के लिए जिलों को मिले 1.30 अरब


शिक्षा सेवकों के ईपीएफ खाते में जमा होगी अंशदान की राशि

 (आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में महिला साक्षरता की चल रही राज्य योजना महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के लिए जिलों को एक अरब 30 करोड़ 56 लाख 56 हजार 270 रुपये की राशि का आवंटन दिया गया है।

शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, जो जन शिक्षा निदेशक भी हैं, के हस्ताक्षर से जिलों को आवंटन आदेश जारी किया गया है। जिलावार आवंटित राशि की निकासी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (साक्षरता) द्वारा सीएफएमएस प्रणाली के तहत की जायेगी। आवंटित राशि में से प्रति केंद्र शिक्षण सामग्री के रूप में अभ्यास पुस्तिका पर 1200 रुपये, कास्ट पेंसिल पर 800 रुपये, पेंसिल कटर पर 240 रुपये, लौरिंग बोर्ड पर 50 रुपये, चौक पर 40 रुपये, उपस्थिति पंजी पर 25 रुपये, शिक्षा सेवक उपस्थिति पंजी पर 25 रुपये, टोला सर्वेक्षण पंजी पर 25 रुपये, तथा दरी-चटाई पर 1000 रुपये का प्रावधान किया गया है। कुल मिला कर यह राशि प्रति केंद्र 3405 रुपये है।

जिलों को आवंटित राशि में योजना के तहत कार्यरत शिक्षा सेवकों एवं तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों के कर्मचारी भविष्यनिधि की राशि के रूप में 15 करोड़ 47 लाख 48 हजार 880 रुपये भी शामिल हैं।

आपको बता दूं कि राज्य में महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की 15 से 45 आयुवर्ग की असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए राज्य प्रायोजित योजना चल रही है। इसका नाम है- महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना। इसके तहत आठ लाख महादलित एवं दलित तथा चार लाख अल्पसंख्यक महिलाओं को बुनियादी साक्षरता प्रदान किया जाना है। इसके लिए शिक्षा सेवक एवं तालीमी मरकज शिक्षा सबक कार्यरत हैं। शिक्षा सेवकों एवं तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों पर महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा समुदायों के छह से चौदह आयुवर्ग के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने एवं उसमें बनाये रखने की भी जिम्मेदारी है।

महादलित, दलित एवं अतिपिछड़ा अल्पसंख्यक अक्षर आंचल योजना के शिक्षा सेवकों एवं तालीमी मरकज शिक्षा सेवकों को कर्मचारी भविष्यनिधि एवं प्रकीर्ण उपबन्ध अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत लाभों को प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत माह जनवरी, 2019 से इन्हें लाभ प्रदान किया जा रहा है।