पटना

पटना: पुनपुन में आग लगने से 5 बच्चों की जलने से मौत, मचा कोहराम


      • फुस के झोपडी को ताला लगा मां गयी थी कटनी करने
      • चार-चार लाख मुआवजा 6 माह का राशन और मकान वास्ते जमीन का एलान

फुलवारी शरीफ (अजीत)। कोरोना महामारी के बीच राजधानी पटना के पुनपुन अदौली चक में रेलवे लाईन किनारे चाट में बसे एक दलित परिवार की फुस की झोपड़ी में अचानक आग लगने से झोपड़ी में रहे चार बच्चों की जलकर मौत हो गयी जबकि अगलगी में पूरा घर जलकर खाक में बदल गया। मृतको में 12 साल की डॉली 8 साल की राखी 6 साल की आरती और 4 वर्ष के अंकित कुमार शामिल हैं। इस लोमहर्षक घटना कि जानकारी मिलने पर सैंकड़ो ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी।

वही परिवारजनों का रो रो कर बुरा हाल होने लगा। दरअसल मृतक बच्चो के पिता द्वारिका पासवान कमाने पटना चले गये तब मां लक्ष्मीनिया देवी फुस की झोपड़ी में बाहर से ताला लगाकर कटनी करने गयी थी। अगलगी में मृतकों के परिवार को सरकार ने चार चार लाख मुआवजा छह माह का राशन और मकान के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंचे विधायक गोपाल रविदास ने दुख जताया और घटना को अफ़सोसनाक बताया है वहीं प्रशासनिक अधिकारियो में तत्काल चार लाख मुआवजा राशि दिया है।

ग्रामीणों के मुताबिक इसी बीच घर मे रहे तीन बच्चीयों और एक बच्चे ने खाना बनाने के चक्कर मे चूल्हा जलाया जिससे आग लग गयी। आग लगने पर पछुआ हवा के जोर ने देखते ही देखते पूरे फुस की झोपड़ा को आग की लपटों में घेर लिया। इस बीच छोटे छोटे बच्चों ने जब झोपड़ी से बाहर निकलना चाहा तो ताला बंद रहने से बाहर नही निकल पाए और चारों मासूमो की जान आग में बुरी तरह जलने से हो गयी। इधर झोपड़ी में आग लगा देख जबतक ग्रामीण दौड़े और बुझाने का प्रयास में लगे तबतक आग ने विकराल रूप धारण कर पूरे घर को स्वाहा कर दिया था।

इधर आग लगने की जानकारी मिलने पट खेतो से दौड़ी मां जब वहां पहुंची तो घर के साथ ही चारों बच्चों की आग में जली हुई लाशें देख चीत्कार मार बेहोश हो गयी। मौके पर महिलाओं के क्रंदन और विलाप से लोगो की आंखे बरसने लगी। इस भीषण अगलगी में चार बच्चों की जलकर मौत की खबर सुनकर मौके पर विधायक गोपाल रविदास, अनुमंडल पदाधिकारी मसौढ़ी डीएसपी बीडीओ सीओ सहित तमाम प्रशानिक अमला और पुनपुन थाना पुलिस भी पहुंची।

बांस की फट्टी तोड़ निकलने का भरसक प्रयास विफल रहा

आग लगने पर छोटे छोटे बच्चों में अफ़रा तफरी के बीच कुछ समझ में नही आया तो रोने चिल्लाने लगे। बच्चों की चीख पुकार आगलगने पर सुनकर दौड़े ग्रामीणों की हिम्मत आग की लपटों में घिरी झोपड़ी के करीब जाने की नही हो पायी। झोपड़ी में आग की लपटों में घिरे बच्चे बांस के फट्टी को तोड़ने में लगे थे लेकिन सफल नही हो पाए।

ग्रामीणों ने बताया कि झोपड़ी में बांस के फट्टी दरवाजे में सीकर लगाकर अंदर की तरफ से ताला बंद था जिससे ग्रामीणो को कुछ समझ मे नही आया कि ताला कैसे खोला जाए। वही प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक बच्ची किसी तरह फट्टी तोड़ बाहर निकलने में सफल हुई थी लेकीन बाहर आते ही चंद सांसे भरने के बाद उसकी साँस उखड़ गयी और मौत हो गयी। चारों बच्चो की लाशें बुरी तह जल चुकी थी जिसे देख कर लोगो का देह सिहर जा रहा था।

विधायक गोपाल रविदास ने बताया कि मृत बच्चों की मां लक्ष्मनिया देवी खेत मे कटनी करने गयी थी और पिता द्वारिका पासवान पटना मजदूरी कमाने गए थे। घर मे चूल्हा में खाना बनाने के दौरान जो आग बची रह गयी थी उससे ही निकली चिंगारी ने घर को जला दिया जिसमें तीन बच्चियाँ और एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गयी।

सरकार ने चार चार लाख मुआवजा छह माह का राशन औऱ मकान के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। अधिकारियों ने मौके पर ही चार लाख की मुआवजा राशी दिया है शेष राशि बाद में देने का आश्वासन दिया गया है।