पटना

बिहारशरीफ: ग्राम पंचायतों के नगर निकाय बनने के बाद संबंधित क्षेत्रों में बढ़ेगा जमीन निबंधन चार्ज


      • बिचौलियों के कारण जमीन निबंधन में हो रही राजस्व क्षति रोकने के लिए नया एमभीआर किया जा रहा तैयार
      • वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक प्रत्येक रविवार को काम करेगा निबंधन कार्यालय

बिहारशरीफ (आससे)। हाल हीं में बिहार सरकार ने जहां 10 ग्राम पंचायतों को नगर निकाय में बदलने का ऐलान किया। वहीं कई पुराने नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार कर ग्राम पंचायतों को नगर निकाय में लिया गया। इसपर आपत्ति और दावों का काम चल रहा है, लेकिन अगले कुछ दिनों में इसका विधिवत नोटिफिकेशन होगा। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री का चार्ज बढ़ेगा। नगर विकास विभाग के नोटिफिकेशन के साथ ही जमीन का एमबीआर दो फीसदी बढ़ जायेगा। मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों का जमीन बिक्री का निबंधन शुल्क आठ फीसदी लिया जाता है, लेकिन नगर निकाय में यह दर 10 फीसदी हो जायेगा।

निबंधन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों के मौजों को चिन्हित किया जा रहा है। नगर निकाय क्षेत्र के अधीन आने वाले गांवों के बाद के दो किलोमीटर तक के क्षेत्र भी पेरिफेरल में आ जायेंगे। पेरिफेरल के अधीन आने वाले गांवों का नया नियम लागू हो जायेगा और वहां जमीन खरीद महंगा हो सकता है। इसके लिए सर्वे किया जायेगा। सर्वे के अनुसार बाजार व सरकारी मूल्यों में काफी अंतर पाया गया है, जिसका फायदा बिचौलया उठा रहा है और सरकारी राजस्व का घाटा लग रहा है। इसे दूर करने के लिए एमबीआर का मूल्यांकन शुरू किया गया है। जमीन की कीमत बाजार मूल्य के अनुरूप तय होगा।

अगर कड़ाई से इसे लागू किया गया तो जमीनों की कीमत में एरिया के अनुसार 50 से लेकर 200 फीसदी तक जमीन महंगे होंगे। 2013 से ग्रामीण तथा 2016 से शहरी पेरिफेरल के जमीनों का एमबीआर नहीं बढ़ा है। एमबीआर यानी मिनिमम वैल्यू रजिस्ट्री जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है। जिला निबंधन कार्यालय द्वारा टीम गठित की गयी है। मिनिमम वैल्यू रजिस्ट्री का डाटा तैयार किया जा रहा है। हाल के दिनों में राजस्व बढ़ोतरी के डीएम के निर्देश के बाद निबंधन कार्यालय रविवार को भी खुलेगा। वित्तीय वर्ष की समाप्ति यानी 31 मार्च तक सभी रविवार को निबंधन कार्यालय काम करेगा।