पटना

बिहारशरीफ: तेल्हाड़ा की घटना अप्रत्याशित- संयमित नहीं रहती पुलिस प्रशासन तो जा सकती थी कई और जानें


      • ईंट-पत्थर खाकर भी पुलिस नहीं खोई आपा
      • डीएम-एसपी ने काफी मशक्कत के बाद स्थिति को किया नियंत्रित
      • सीएम के निर्देश पर तत्काल पीड़ित परिजनों को सौंपा गया चार-चार लाख का चेक

बिहारशरीफ (आससे)। होलिका दहन के दिन यानी रविवार को जहानाबाद और नालंदा जिले के सीमा पर स्थित तेल्हाड़ा थाना में हुई सड़क दुर्घटना में जहां छः लोगों की मौत हो गयी, वहीं छः गंभीर तथा आधा दर्जन के करीब लोग हल्के-फुल्के घायल हो गये। अनियंत्रित ट्रक से हुई इस घटना के बाद गुस्साये लोगों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। पथराव में कई पुलिस कर्मी घायल हुए जबकि गुस्साये लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

हादसे के बाद गुस्साये लोगों ने दुर्घटना में शामिल ट्रक में तोड़-फोड़ की और फिर उसे आग के हवाले कर दिया। घटना की सूचना पाकर पुलिस पहुंची, जिसके बाद लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दी। प्रशासन विरोधी नारे लगाया। पथराव में पुलिस इंस्पेक्टर सिद्धेश्वर राम जख्मी हुए। इतने पर भी भीड़ शांत नहीं हुई और लोग थाने में घुस गये।

वहां पहले से खड़ी पुलिस की पांच गाड़ियों को आग के हवाले कर दी, जबकि घायल लोगों को लाने गये एंबुलेंस में भी लोगों ने तोड़-फोड़ की। लोगों के गुस्से को देखकर पुलिस किसी तरह छुपकर अपने को बचायी। अगर पुलिस संयमित नहीं रहती तो और कई जानें जा सकती थी। निश्चित तौर पर ईंट और पत्थर खाकर भी पुलिस ने आपा नहीं खोया।

घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि होली की खरीदारी को लेकर बाजार में भीड़ थी। इसी दौरान एक ट्रक पहले एक गुमटी में टक्कर मारी और फिर वह आगे बढ़ती रही और दुकानों में बैठे लोगों को रौंदती रही। जब ट्रक रूकी तब चालक और अन्य कर्मी उससे कूद कर भाग खड़े हुए। इस घटना के बाद तेल्हाड़ा बाजार में उपद्रव की स्थिति हो गयी। लगभग चार घंटे तक लोगों का तांडव चलता रहा।

पुलिस प्रशासन के लोग समझाते रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। हिलसा एसडीपीओ पर भी लोगों का गुस्सा फूटा। इस दौरान समाचार संकलन करने गये एक हिंदी दैनिक के पत्रकार वीरेंद्र कुमार के साथ भी लोगों ने मारपीट की, जिससे पत्रकार बुरी तरह जख्मी हो गया, जिसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। घायलों में पांच लोगों को चिंताजनक हालत में पटना रेफर किया गया।

घटना की सूचना के बाद जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह तथा पुलिस अधीक्षक एस. हरिप्रसाथ भी तेल्हाड़ा पहुंचे। लोगों तक पहुंचने में दोनों अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन जिले के दोनों पदाधिकारियों ने भीड़ के लोगों को समझाया-बुझाया और स्थिति को नियंत्रित किया। इसके पूर्व ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूचना पाकर इस घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिजनों को चार-चार रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया था। तत्काल जिला पदाधिकारी ने पीड़ित परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुदान राशि का चेक दिया।