पटना

बिहारशरीफ: मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए कई कार्यक्रमों का ऑनलाइन किया शुभारंभ


  • पहले दिन दीपनगर और पावा स्वास्थ्य उपकेंद्र के रोगियों का वीसी के जरिये किया गया इलाज
  • जिले के 26 एंबुलेंस जुड़े 104 मोबाइल ऐप से इसके जरिये ऑनलाइन हो सकेगी मॉनिटरिंग
  • बिहारशरीफ सदर के अलावे हिलसा एवं राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल में चलेगा दीदी की रसोई
  • बॉन्डर ऐप के जरिये अब हो सकेगा आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय भुगतान

बिहारशरीफ (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिले के दो स्वास्थ्य उपकेंद्रों में टेली मेडिसिन सेवा जो ई-संजीवनी ऐप से जुड़ा हुआ है का शुभारंभ किया। इसके साथ ही जिले के अस्पतालों में चल रहे 104 नंबर एंबुलेंस सेवा के लिए ऐप एवं जीपीएस सेवा का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री द्वारा बॉन्डर ऐप तथा दीदी की रसोई का भी शुभारंभ किया गया।

ई-संजीवनी ऐप के जरिये बिहारशरीफ प्रखंड के पावा तथा दीपनगर प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र में बैठे रोगियों को बिहारशरीफ सदर पीएचसी से चिकित्सक ने ना केवल इलाज किया बल्कि उनकी दवा की पर्ची भी दी, जो ऑनलाइन संबंधित उपकेंद्रों में निकला और इसके अनुरूप वहां पदस्थापित एएनएम द्वारा रोगियों को दवा दी गयी। इस सेवा के तहत स्पोक और हब दो केंद्र बनाया गया है।

स्पोक वह केंद्र होगा जहां रोगी बैठकर अपनी समस्या बतायेंगे और हब जहां चिकित्सक बैठकर उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देखेंगे और उनकी बीमारी का हालचाल लेंगे। बाद में हब में बैठे चिकित्सक ऑनलाइन दवा लिखेंगे, जिसकी पर्ची प्रिंट स्पोक में बैठी एएनएम निकालेगी और वहीं से रोगियों को दवा दी जायेगी। आने वाले दिनों में इस सेवा का विस्तार अन्य स्वास्थ्य उपकेंद्रों में भी होनी है। पहले दिन दीपनगर स्कोप के चार तथा पावा स्कोप के छः रोगियों का इलाज बिहारशरीफ हब में बैठकर चिकित्सक ने की।

मुख्यमंत्री द्वारा 104 एंबुलेंस सेवा ऐप का भी लोकार्पण किया गया। इसके तहत 104 नंबर पर कॉल कर एंबुलेंस की बुकिंग तो होगी ही इस ऐप के जरिये भी लोग एंबुलेंस बुक करा सकते है। खास बात यह रहेगी कि बुकिंग के बाद लोग ऐप से यह ट्रैक कर सकेंगे कि एंबुलेंस कहां पहुंचा और रोगी लेकर अगर एंबुलेंस किसी अस्पताल के लिए निकला तो रास्ते में वह कहां है ऐप के जरिये देखा जा सकेगा। यह भी पता चल सकेगा कि कितनी देर में वह अस्पताल पहुंच जायेगा। ऐसे में जो शिकायत रहती थी कि सरकारी अस्पताल के लिए निकला एंबुलेंस रोगी को लेकर प्राइवेट अस्पतालों में उतार देता था। ऐसा करने के लिए अब रोगी के परिजनों का कंसर्न लेना आवश्यक होगा। जिले में इस सेवा से जुड़े कुल 26 एंबुलेंस है, जिसका लाभ अब लोग इस ऐप के जरिये ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री द्वारा बन्डर ऐप का भी लोकार्पण किया गया। इस ऐप के लांच हो जाने से जिले के सभी आशा कार्यकर्ताओं को अपना इंसेंटिंव लेने के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। आशा अपने मोबाइल ऐप में ही अपने द्वारा किये गये कार्यों का डिटेल डाल सकेंगी जिसका ऑनलाइन बीसीएम और बाद में बीएम ऑनलाइन अप्रूवल देगा और स्वतः डाटा पटना हेडक्वार्टर पहुंचेगा जहां से संबंधित आशा के खाते में इंसेंटिव क्रेडिट कर दी जायेगी। इस ऐप के लांच होने से जिले की सैकड़ों आशा कार्यकर्ताओं को इंसेंटिव मिलने में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ही जिले के तीन सरकारी अस्पतालों में ‘‘दीदी की रसोई’’ अब जीविका दीदी चलायेंगी, जिसका लाभ बिहारशरीफ सदर अस्पताल, हिलसा तथा राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल के रोगियों को मिल सकेगा। रोगियों का खाना अब जीविका दीदी द्वारा बनाया और परोसा जायेगा। सरकार द्वारा आज से ही रोगियों को दिए जाने वाले भोजन का खर्च 100 रुपया से बढ़ाकर 150 रुपया कर दिया गया। इस योजना का शुभारंभ बहुत जल्द होना है। इसके लिए एमओयू ग्रामीण विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के बीच आज साइन किया गया।

इसके शुभारंभ के अवसर पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ॰ राजेंद्र कुमार राजेश, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ॰ अंजनी कुमार, डॉ॰ डीपीएम ज्ञानेंद्र शेखर मौजूद थे।