पटना

बेगूसराय: मुन्ना भाई की गिरफ्तारी हुई पर केन्द्राधीक्षक ने डीईओ कार्यालय को नहीं दी सूचना


बेगूसराय शि.प्र.(आससे)। केंद्राधीक्षक की लापरवाही ने शिक्षा विभाग को मुसीबत में डाला। मुन्ना भाई की गिरफ्तारी तो हुई लेकिन इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा गठित कंट्रोल रूम में नहीं दी गई। गिरफ्तारी के बदले अनुपस्थिति की सूचना कंट्रोल रूम को दी गई जिसकी वजह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजी गई रिपोर्ट में अनुपस्थिति की चर्चा की गई है जो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा बनाए गए नियमों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन केंद्राधीक्षक के द्वारा किया गया।

उक्त मामला भाग नारायण कन्या महाविद्यालय बरौनी परीक्षा केन्द्र से संबंधित है। 17 फरवरी 2022 को दसवीं बोर्ड की परीक्षा के प्रथम दिन के द्वितीय पाली में कमरा संख्या 19 में मूल परीक्षार्थी के स्थान पर फर्जी छात्र परीक्षा में शामिल हुआ था जिसकी जांच वीक्षक नित्यानंद सिंह एवं मीना कुमारी के द्वारा की गई इन दोनों वीक्षक को संदेह हुआ कि यह छात्र फर्जी है जिसकी तत्काल सूचना वहां मौजूद दंडाधिकारी डा. ललन कुमार एवं केंद्राधीक्षक प्रोफेसर अरविंद कुमार को दिया गया। जिसकी जांच के उपरांत स्पष्ट हो गया कि वह फर्जी परीक्षार्थी है।

केंद्र संख्या 2620 रोल कोड 26428 एवं रोल नंबर 2200140 के परीक्षार्थी विक्रांत कुमार के स्थान पर फर्जी छात्र उर्फ मुन्ना भाई रौशन कुमार परीक्षा में शामिल हुआ था जो कि एक बीएड का छात्र बताया जा रहा है। इसकी जांच उपरांत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए केंद्राधीक्षक प्रोफेसर अरविंद कुमार ने तेघरा थाना में आवेदन दिया था। लेकिन इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में कंट्रोल रूम को नहीं दी गई। बल्कि विक्रांत कुमार को परीक्षा में अनुपस्थित दिखाकर रिपोर्ट भेज दी गई। जबकि उक्त छात्र भी परीक्षा से निष्कासित होते।

केंद्राधीक्षक के द्वारा सूचना नहीं देने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में गठित कंट्रोल रूम कर्मियों के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी से हस्ताक्षर करवा कर रिपोर्ट को जिला पदाधिकारी के यहां से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को 4 परीक्षार्थी के निष्काषित का रिपोर्ट भेजा गया। इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी शर्मिला राय ने बताया कि यह बहुत बड़ी भूल है हम लोगों ने यहां से छात्र का अनुपस्थित रिपोर्ट बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा दिया है। केंद्राधीक्षक की लापरवाही साफ झलक रही है। इसी को लेकर उन्होंने एक स्पष्टीकरण केंद्राधीक्षक से मांगा है।