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भड़काऊ भाषण मामले में नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग, सोनिया-राहुल ने किया विरोध


नई दिल्ली, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी करने की मांग वाली जनहित याचिका का कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विरोध किया है।

मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने की मांग

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) लायर्स वॉयस याचिका में आरोप लगाया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा दिए गए भाषण के कारण दिल्ली दंगा हुआ। साथ ही मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने की मांग की है। याचिका पर अदालत ने सुनवाई से पहले सभी नेताओं को अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।

याचिका का विरोध करते हुए सोनिया व राहुल गांधी ने अदालत के निर्देश पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि याचिका को रद करने की मांग की है। सोनिया व राहुल गांधी ने हलफनामा में कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी (राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए पूर्वाग्रही आरोप) के तहत उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस ने दंगे के मामले को लेकर जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए हाई कोर्ट में कहा था कि सीएए की पृष्ठभूमि में शाहीन बाग में किया गया विरोध-प्रदर्शन स्वतंत्र आंदोलन नहीं था।

 

एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका खारिज

उधर, राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) की गोपनीय सूचनाएं साझा करने की आरोपित चित्रा रामकृष्णा की फोन टैपिंग मामले में दायर जमानत याचिका खारिज कर दी। स्पेशल जज सुनेना शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 25 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

चित्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 16 अगस्त को ईडी को नोटिस जारी किया था। वह फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में है। कोर्ट ने 14 जुलाई को चित्रा की ईडी हिरासत में पूछताछ करने की अनुमति दी थी।