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भारतने गणतंत्र दिवसपर दिखायी ताकत


राफेल, राज्योंकी झाकियोंने बढ़ायी परेडकी शान
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अन्य गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी में फहराया गया राष्ट्रध्वज

नयी दिल्ली (आससे.)। ७२वें गणतंत्र दिवसपर भारतने राजपथपर सैन्य ताकतके साथ अपनी शक्ति दिखायी। जंगी राफेल समारोहका मुख्य आकर्षण बना रहा। यूपी सहित राज्योंकी झाकियोंने भी लोगोंका मन मोह लिया। कोरोना महामारी के कारण इस बार गणतंत्र दिवस समारोह का रूप थोड़ा बदला हुआ रहा, लेकिन जोश में कोई कमी नहीं दिखी। मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में राजपथ पर आयोजित हुआ, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली। इस बार कोरोना के कारण कोई मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी मेहमान नहीं आया। इस बार परेड हर साल की तरह विजय चौक से शुरू हुई लेकिन लाल किला के बजाय इंडिया गेट के पास नेशनल स्टेडियम में खत्म हुई। केवल झांकियां ही लाल किले तक गईं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी में राष्ट्रध्वज फहराया गया। इस अवसर पर सभी ने तिरंगे को सलामी दी। ध्वजारोहण के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा की अगुवाई में गणतंत्र दिवस परेड निकलनी शुरू हुई। देश की पहली तीन महिला फाइटर पायलटों में से एक, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हैं। इसके अलावा 140 एयर डिफेंस रेजिमेंट (सेल्फ प्रॉपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी भी परेड का हिस्सा बनीं। वह सेना की तरफ से परेड में शामिल इकलौती महिला दल कमांडर हैं। राजपथ पर परेड में बांग्लादेश सेना के मार्चिंग दल और बैंड ने भी हिस्सा लिया। इस दल का नेतृत्व ले. कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर ने किया। 122 सदस्यीय यह दल पहली बार परेड में शामिल हुआ है। ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम के मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर का नेतृत्व कैप्टन कमरुल जमां ने किया। इस मिसाइल की अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर है। साथ ही पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम का भी प्रदर्शन किया गया। 841 रॉकेट रेजिमेंट (पिनाका) का नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया। यह दुनिया के सबसे ऐडवांस्ड रॉकेट सिस्टम्स में से एक है। गढ़वाल राइफल्स के दल का नेतृत्व 17वीं बटालियन के कैप्टन राजपूत सौरभ ने किया। नेवल ब्रास बैंड की कमान मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर (म्यूजिशियन) सुमेश रंजन के हाथ में थी। राजपथ पर नौसेना की झांकी की थीम श्स्वर्णिम विजय वर्षश् रही। इसमें 1971 के युद्ध में नौसेना के प्रमख लड़ाके, आईएनएस विक्रांत को फ्लाइंग ऑपरेशंस करते दिखाया गया। इसके अलाव बीएसएफ का ऊंट दल भी परेड में शामिल हुआ। छैळ के कमांडोज ने भी राजपथ पर मार्च किया। केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद, लद्दाख को पहली बार मौका मिला राजपथ पर अपनी झांकी दिखाने का। यह किसी केंद्रशासित प्रदेश की पहली झांकी रही।