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राजपथपर दिखेगा रामकी अयोध्याका नजारा


उत्तर प्रदेशकी झांकी रहेगी लोगोंके आकर्षण केंद्र
नयी दिल्ली (आससे.)। गणतंत्र दिवस परेड में इस बार राजपथ रामराज्य का नजारा दिखेगा। उत्तर प्रदेश की झांकी में भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या की धरोहर, वहां बन रहे राम जन्मभूमि मंदिर की प्रतिकृति, दीपोत्सव और रामायण से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित किया जायेगा। अयोध्या के राजा ब्रह्मा के पुत्र मनु के पुत्र इक्ष्वाकु द्वारा बसायी गयी अयोध्या उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी कहलाती है इसे अष्टचक्र नवद्वार से युक्त अयोध्या कहा गया है, जिसका वर्णन अथर्ववेद में प्राप्त होता है। वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में राम का जन्म स्थान अयोध्या है। श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या पूरे विश्व में सनातन संस्कृति का प्रतीक स्थल है। उत्तर प्रदेश की झांकी अयोध्या की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत, संस्कार एवं सौन्दर्य को प्रदर्शित करती है। झांकी के प्रथम भाग में महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना करते हुये दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में जनभावनाओं एवं भक्ति से जुड़े अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक श्रीराम मन्दिर को दर्शाया गया है। मन्दिर का यह मॉडल बरबस भक्ति एवं श्रद्धा का भाव पैदा करता है। म्यूरल में भगवान राम का निषादराज को गले लगाना, शबरी के बेर खाना, अहिल्या उद्धार, केवट संवाद, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाना, जटायू राम संवाद, अशोक वाटिका आदि के दृश्यों को दर्शाया गया है। मध्य झांकी के अग्रभाग में अयोध्या के दीपोत्सव में दिखाया गया है, जिसमें लाखों दिये जलायें जाते हैं वर्ष 2017 से लगातार भव्य दीपोत्सव के आयोजन में गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में लगातार तीन बार रिकार्ड दर्ज कराया है। झांकी के दोनों ओर साध्वी एवं संतो को दिखाया है जो प्रभु राम के प्रति भक्ति भावना एवं अनन्य प्रेम को प्रदर्शित करते हैं। आज राजपथ पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का पूर्वाभ्यास किया गया।
शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की झांकी के अगले हिस्से में महर्षि वाल्मीकि की एक प्रतिमा विराजमान रहेगी। इस प्रमितमा के पीछे राम जन्मभूमि मंदिर का प्रारूप रहेगा। झांकी में नृत्य करती महिलाओं सहित कलाकारों का समूह भी दिखेगा। एक व्यक्ति भगवान श्रीराम की वेषभूषा में रहेगा। इस बार कुल 32 झांकियों में 17 राज्यों की और मंत्रालयों व विभागों की होंगी।