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लखीमपुर खीरी: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, यूपी सरकार ने SIT के गठन की दी जानकारी


  1. नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लखीमपुर खीरी मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस दौरान सीजेआइ ने कहा कि दो अधिवक्ताओं ने मंगलवार को अदालत को एक पत्र लिखा था। हमने अपनी रजिस्ट्री को पत्र को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन गलती से यह स्वत: संज्ञान मामले के रूप में दर्ज किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए एसआइटी टीम और एक सिंगल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। ताकि स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल की जा सके।

उल्लेखनीय है इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की जान गई है। इस घटना ने देश भर में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है। विभिन्न दलों के कई बड़े नेता लखीमपुर खीरी का दौरा कर चुके हैं।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई कार्यसूची के अनुसार, चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की तीन जजों की पीठ गुरुवार को लखीमपुर खीरी में हिंसा में मौत के कारण, शीर्षक वाले मामले की सुनवाई करेगी।

उल्लेखनीय है लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को कुछ किसान उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में जुलूस निकल रहे थे। तभी एक तेज रफ्तार वाहन से चार किसान कुचल गए। इस घटना के बाद उग्र हुए लोगों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और वाहन के चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हिंसा की इस घटना में एक पत्रकार की भी जान चली गई।

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनियां कोतवाली क्षेत्र में हुई घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र व अन्य के खिलाफ आइपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। किसान नेताओं ने कहा है कि आशीष उन कारों में से एक में थे, जिनकी चपेट में आकर किसानों की जान गई। हालांकि मंत्री ने इन आरोपों से इन्कार किया है।