पटना

लोजपा से रामेश्वर चौरसिया ने दिया इस्तीफा


चिराग को लिखा पत्र, कहा- अब पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं

पटना। लोजपा के कद्दावर नेता रामेश्वर चौरसिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रामेश्वर चौरसिया ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान को भेज दिया है। अपने पत्र में लिखा कि ‘लोजपा ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुझे मौका दिया इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। लेकिन अब इस दल में रहने का कोई मतलब नहीं रह गया, मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं’।

2020 के चुनाव के समय अचानक रामेश्वर चौरसिया ने बीजेपी से बगावत कर लोजपा का दामन थाम लिया था। लोजपा में शामिल होते ही उन्हें सासाराम से उम्मीदवार बना दिया गया। जिसपर उन्होंने बयान देते हुए कहा था कि एलजेपी से चुनाव लड़ना, बीजेपी से चुनाव लड़ने के समान ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना फायदा देखते हैं। रोहतास जिले की दो सीट नोखा और सासाराम बीजेपी के खाते में थीं। ये सीट जेडीयू के नाम कर दी गईं। उन्होंने कहा कि उस समय काफी दुख हुआ, जब पार्टी ने इस लायक भी नहीं समझा कि चुनाव लड़ सकूं। नीतीश कुमार बीजेपी को बर्बाद करने में तुले हुए हैं।

बता दें कि लोजपा के बागी नेता केशव सिंह ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी है कि 18 फरवरी को लोजपा में बड़ी टूट होगी। पार्टी के करीब 60 से ज्यादा असंतुष्ट नेता जेडीयू में शामिल होंगे। जिसकी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है। शामिल होने वाले नेताओं में 10 पार्टी के पदाधिकारी है। जो चिराग पासवान की कार्यशैली से असंतुष्ट है।

केशव सिंह ने आगे कहा कि चिराग पासवान की बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा महज लोगों को चिट करने के लिए था। उनका मकसद पैसा फर्स्ट पंजाबी फर्स्ट का था। जो कार्यकर्ता पार्टी के लिए दिन रात लगे रहे उनको तवज्जो ना देकर बाहरी लोगों को टिकट दिया गया। इससे पार्टी के जमीनी नेता नाराज है। पार्टी फंड में भी भारी घोटाला किया जा रहा है।