पटना

विकास को गति देगा महासेतु : नीतीश


मुख्यमंत्री ने मुंगेर में गंगा नदी पर रेल-सह-सडक़ महासेतु का किया लोकार्पण

      • मुंगेर से खगडिय़ा और बेगूसराय की दूरी होगी कम

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मुंगेर में गंगा नदी पर रेल सह सडक़ पुल की पहुंच पथ परियोजना का लोकार्पण किया। साथ ही घोरघट स्थित मणि नदी के ऊपर उच्चस्तरीय आरसीसी पुल एवं पहुंच पथ का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भी सम्मिलित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महासेतु के निर्माण से इस क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने केन्द्र से मांग की कि बिहार आबादी के लिहाज से देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। अत: इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मुंगेर के माधव किता, चंडिका स्थान स्थित लाल दरवाजा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में आप सभी इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए हैं इसके लिए मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार और देश में पिछले २ साल से जबकि पूरी दुनिया में ३ साल से कोरोना संक्रमण का प्रकोप है इसलिए हम सबको हमेशा सचेत रहने की जरुरत है। अभी पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या घटकर १ हजार ६५९ हो गई है जबकि मुंगेर जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या मात्र १३ है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान इससे संक्रमित मरीज बहुत कम समय में ठीक हो जा रहे हैं। आप सबों से मेरा आग्रह है कि कोरोना टीका का दोनों डोज जरुर लें। अब १५ साल के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है इसलिए कोई छूटे नहीं, इसका विशेष ख्याल रखें। कोरोना से सभी को सजग रहने की जरुरत है। आपस में दूरी बनाकर रखें और मास्क का उपयोग अवश्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुंगेर में गंगा रेल सह सडक़ पहुंच पथ का लोकार्पण हुआ है, इससे लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी। इस अवसर पर यहां काफी संख्या में उपस्थित लोगों एवं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़े लोगों का मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रद्घेय श्रीकृष्ण बाबू के नाम पर मुंगेर गंगा रेल सह सडक़ पुल का नाम श्रीकृष्ण सेतु रखा गया है। २६ जनवरी २००२ को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्घेय अटल बिहारी बाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया था। उसके एक दिन पहले २५ जनवरी को यहां आकर हमने इसका मुआयना किया था। उस समय हम श्रद्घेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार में रेल मंत्री थे। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद हमलोगों ने प्रधानमंत्री श्रद्घेय अटल बिहारी बाजपेयी से इसका शिलान्यास करने का अनुरोध किया था। शिलान्यास के समय यहां के लोगों ने काफी खुशी व्यक्त की थी।

उस समय हमने कहा था कि खुशी के इस अवसर पर रात में सभी लोग अपने घरों में दीया जलाकर खुशी का इजहार करें। शिलान्यास के दिन २६ जनवरी २००२ को यहां के लोगों ने अपने-अपने घरों में दीप जलाकर अपनी खुशी का प्रकटीकरण किया था। पहले मुंगेर कमिश्नरी के लोगों को गंगा नदी से गुजरकर अपना सभी काम करना पड़ता था, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती थी। लोकार्पण समारोह में उपस्थित लोगों से अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मुंगेर गंगा रेल सह सडक़ पुल बनाने की स्वीकृति मिली थी तो आप सबने अपने घरों में दीपावली मनाया था इसलिए आज उद्ïघाटन के इस अवसर पर पुन: अपने-अपने घरों में दीया जलाकर अपनी खुशी का इजहार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में जो काम चल रहे हैं, हुए हैं और होनेवाले हैं, उन तमाम योजनाओं के बारे में नितिन गडकरी ने विस्तृत रूप से जानकारी दी है। इसके लिए मैं उन्हें विशेष तोर पर बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि वर्ष २००५ में आप लोगों ने सरकार बनवाकर हमें काम करने का मौका दिया। प्रारंभ से ही हमलोग विकास का काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष २००७ में गन्ना से इथेनॉल बनाने के लिए २१ हजार करोड़ का प्रस्ताव हमलोगों को प्राप्त हुआ था। इस संबंध में हमलोगों ने तत्कालीन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था लेकिन केंद्र से मंजूरी नहीं मिली। उस समय के केंद्र सरकार के द्वारा गन्ना से चीनी बनाने का हवाला दिया गया और इस खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया। १० दिसंबर २०२० को कोईलवर में सोन नदी पर बने नये पुल के उद्घाटन के अवसर पर भी हमने कहा था कि गन्ना से इथेनॉल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिले इसके लिए हमलोग वर्ष २००७ से प्रयास कर रहे थे। अब केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया है और विशेष इथेनॉल नीति २०२१ लागू की गई है। इससे बिहार में उद्योग को बढ़ावा मिलता। अब तक १८७ करोड़ लीटर वार्षिक इथेनॉल उत्पादन क्षमता वाले २९ इकाईयों के आवेदन आये हैं। केंद्र ने ३५.२८ करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता हेतु १७ इकाईयों को चयनित किया है।

उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन जी बराबर दिल्ली जाकर बिहार में हो रही विकास कार्यों की चर्चा करते रहते हैं। बिहार में मक्का का उत्पादन तीनो सीजन में बहुत ज्यादा होता है, यहां उत्पादित मक्का दूसरे राज्यों में जाता है। केंद्र सरकार द्वारा अगर मक्का से इथेनॉल बनाने की भी अनुमति मिलती तो बिहार को काफी फायदा मिलता। पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल का मिश्रण किया जाता है। इसलिए मक्का से इथेनॉल बनाने की दिशा में भी सकारात्मक प्रयास करना चाहिए। इससे बिहार में उद्योग बढ़ेगा जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में मक्का का उत्पादन अधिक होता है और यहां खपत न के बराबर है इसलिए बिहार का इथेनॉल क्रय क्षमता बढ़ाने का जरूरत है। श्री शाहनवाज साहब को कहेंगे कि बिहार का वार्षिक इथेनॉल क्रय का १२५ करोड़ लीटर का कोटा कम से कम निर्धारित करा दीजिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री नितिन गडकरी ने बिहार में हो रहे और होने वाले जिन कार्यों का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया है उसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। देश के विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान हो, यह हमारी इच्छा है। एनडीए की सरकार ने बिहार के विकास के लिए काफी काम किया है। बिहार में आबादी का घनत्व अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। एक वर्ग किलोमीटर में बिहार में जितनी आबादी है उतनी देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है, इसलिए बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बिहार क्षेत्रफल के मामले में १२वें स्थान पर है, जबकि आबादी के मामले में तीसरे नबंर है। बिहार का पहले प्रजनन दर ४.३ था जो अब घटकर ३ हो गया है।

श्रद्धेय अटल सरकार के समय से ही हमलोगों का नितिन गडकरी जी से व्यक्तिगत एवं पुराना संबंध है। इन संबंधों को भूले नहीं। हम सब मिलकर देश और बिहार के विकास के लिए मिलकर काम करें। बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन आपके पास जाकर यहां के एक-एक काम के बारे में बतायेंगे, ये आपके विभाग का काम काफी बेहतर ढंग से कर रहे हैं। नई पीढ़ी के लोगों की बातों पर ध्यान देंगे तो काफी प्रगति होगी। बिहार के विकास कार्य के लिए आपने जो सुझाव दिया है उसके लिए मैं पुन: आपको धन्यवाद देता हूं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि २६ जनवरी २००२ की तरह ही आप सभी अपने-अपने घरों में आज उद्घाटन के दिन भी दीया जलाइयेगा। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने दोनों हाथ उठाकर अपनी सहमति दी।