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वोट बैंक राजनीति के कारण हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का किसी ने नहीं दिखाया था साहस- अमित शाह


हैदराबाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को हैदराबाद मुक्ति दिवस (Hyderabad Liberation Day) पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। उन्होंने हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय सरदार वल्लभाई पटेल को दिया। साथ ही गृहमंत्री ने इस दिन को मनाने का श्रेय  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को मनाने का जैसे ही एलान किया हैदराबाद के लोग तुरंत तैयार हुए। साथ ही उन लोगों पर हमला बोला जिन्होंने हैदराबाद मुक्ति दिन मनाने के वादे तो किए लेकिन उसे पूरा नहीं किया। गृहमंत्री हैदराबाद मुक्ति दिन के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

आंदोलन की कहानी को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है मकसद

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘आज हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का उद्देश्य स्पष्ट है कि इस मुक्ति आंदोलन की कहानी को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। मुक्ति संग्राम के नामी-अनामी अनेक योद्धाओं और शहीदों को जनमानस में पुनर्जीवित करके नई पीढ़ी को देश भक्ति की लौह जगानी है। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मैं बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने निर्णय किया कि हैदराबाद मुक्ति दिन को मनाया जाएगा। मुझे इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद ही लोगों ने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने की शुरुआत कर दी।’

हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने के वादे से मुकरे कई जिसे कर दिखाया पीएम मोदी ने- अमित शाह

गृहमंत्री ने कहा, ‘इस क्षेत्र में ये मांग थी कि हैदराबाद मुक्ति दिवस को सरकार की अनुमोदन के साथ मनाया जाए। मगर दुर्भाग्य की बात है कि 75 साल चले गए, जिन्होंने यहां पर शासन किया उन्होंने वोटबैंक की राजनीति के कारण हैदराबाद मुक्ति दिन मनाने का साहस नहीं किया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘वादे तो अनेक लोगों ने किया मगर सत्ता पर आते ही रजाकारों के डर से पलट गए। आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने निर्णय किया कि हैदराबाद मुक्ति दिवस को मनाया जाएगा।’

सरदार पटेल नहीं होते तो हैदराबाद की मुक्ति में सैंकड़ों साल और लग जाते

गृहमंत्री ने कहा, ‘सरदार पटेल जानते थे कि जब तक निजामों को हराया नहीं जाएगा अखंड भारत का सपना पूरा नहीं होगा। 1948 में पूरा हैदराबाद आज के दिन ही मुक्त हुआ था। इसके लिए हमारे लौह पुरुष सरदार पटेल को आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने ही निजाम की सेना को परास्त किया और समस्त प्रदेश को आजाद कराया। वे नहीं होते तो हैदराबाद की मुक्ति में सैंकड़ों साल लग जाते।’