पटना

शेखपुरा के पुनीत निकले गुदड़ी के लाल


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। पुनीत कौशल गुदड़ी के लाल निकल गये। एआईईईई से पहले तो इलेक्टॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बी.टेक. कर इंजीनियर बने। एक नामी-गिरामी कम्पनी में डिजाइन इंजीनियर की नौकरी शुरू की। विदेश जाने के मौके भी थे। लेकिन, चाहत थी ऑफिसर बन बिहार की सेवा करने की। सो, लग गये बिहार लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में। और, पहली ही बार में बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में 220वां रैंक हासिल कर लिए। पुनीत कौशल अब रेवेन्यू ऑफिसर बनेंगे।

पुनीत की सफलता की कहानी काफी प्रेरक है। पुनीत कौशल का पैतृक गांव खुरिया है। यह शेखपुरा जिले में है। पुनीत के पापा कौशल किशोर शर्मा बिहार की राजधानी पटना के शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (पटना हाई स्कूल) से गणित के शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हैं। और, मम्मी श्रीमती उषा देवी गृहिणी हैं। छह बहन-भाइयों में पुनीत सबसे छोटे हैं। उनके बड़े भाई अमित कौशल भाभा एटमिक रिसर्च सेंटर में साइंटिस्ट हैं। पटना में पुनीत का आवास खेमनीचक में है।

पुनीत ने मैट्रिक तक की पढ़ाई पटना हाई स्कूल से की। वे वर्ष 2005 में 77.71 प्रतिशत अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण हुए। वर्ष 2007 में साइंस कॉलेज से इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा उत्तीर्ण हुए। इसमें उन्हें 64.33 प्रतिशत अंक मिले थे। इंटरमीडिएट में जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में चैंपियन हुए थे। उन्हें नाटक से भी लगाव रहा। खास बात यह रही कि इंटरमीडिएट साइंस में पुनीत ने गणित और जीवविज्ञान दोनों रखे थे।

उसके बाद एआईईईई में बैठे। सफल हुए। इंदौर के श्रीवैष्णव इंजियरिंग इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में दाखिला लिया। बी. टेक. करने के बाद उन्हें कई कम्पनियों से ऑफर मिले। उन्होंने एक नामी-गिरामी कम्पनी का ऑफर स्वीकार किया और बन गये डिजाइन इंजीनियर। चाहते तो विदेश जा सकते थे। लेकिन, उनका मन तो अपने गृहराज्य के विकास में योगदान देने का था। सो, बैठ गये बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में। और, ले आये 220वां रैंक। तो, अब पुनीत रेवेन्यू ऑफिसर बनेंगे।