सम्पादकीय

संक्रमितोंकी बढ़ती संख्या


देशमें नये कोरोना संक्रमितोंकी संख्यामें तेजी गम्भीर चिन्ताका विषय है। इससे तीसरी लहरके बढ़ते खतरोंको बल मिल रहा है। पिछले कई दिनोंसे प्रतिदिन लगभग ३० हजार नये मामले सामने आ रहे थे लेकिन अब इनकी संख्या ४० हजारसे ऊपर पहुंच गयी है। शुक्रवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे जारी आंकड़ोंके अनुसार पिछले २४ घण्टोंमें ४४ हजार २३० नये मामले सामने आये जबकि ५५५ संक्रमितोंकी मौत हो गयी। देशमें अबतक चार लाख २३ हजार २१७ लोगोंकी कोरोनासे मृत्यु हो चुकी है। यह भी चिन्ताकी बात है कि नये मामलोंकी तुलनामें ठीक होनेवाले मरीजोंकी संख्य कम होने लगी है। वैसे रिकवरी रेट ९७.३८ प्रतिशत है। सक्रिय मरीजोंकी संख्या वर्तमानमें चार लाख पांच हजार १५५ हो गयी है। दैनिक पाजिटिव रेट २.४४ प्रतिशत है। यह अभी पांच प्रतिशतके नीचे बना हुआ है किन्तु कुछ राज्योंकी स्थिति गम्भीर हो गयी है। इनमें शीर्षपर केरल और महाराष्टï्र हैं। आधेसे ज्यादा नये मामले केरलमें सामने आ रहे हैं। एक दिनमें २२ हजारसे अधिक नये मामलोंने चिन्ता बढ़ा दी है। स्थितिका जायजा लेनेके लिए केन्द्र सरकारने विशेषज्ञोंकी टीम केरल भेज रही है। राज्य सरकार भी स्थितिको नियंत्रित करनेके लिए कड़े कदम उठा रही है। इनमें पूर्ण लाकडाउन भी सम्भव है। केरलकी बिगड़ती स्थिति तीसरी लहरकी आशंकाको मजबूती प्रदान कर रही है। इसे अत्यंत ही गम्भीरतासे लेनेकी जरूरत है। केरलसे सटे राज्योंको विशेष सावधानी और सतर्कता बरतनेकी आवश्यकता है जिससे कि सम्बन्धित राज्योंमें संक्रमणके प्रसारको रोका जा सके। केरलमें संक्रमण दर १२ प्रतिशतसे ऊपर पहुंच गयी, जो हालातकी गम्भीरताके संकेत हैं। कोरोनाके कुल सक्रिय मामलोंका ३७ प्रतिशत अकेले केरलमें है। यह भी पता लगानेकी कोशिश की जा रही है कि केरलकी स्थिति इतनी विस्फोटक कैसे हो गयी और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पहले केरलने कोरोनापर लगभग नियंत्रण प्राप्त कर लिया था लेकिन बादमें हालात बिगडऩे लगे। पूरे देशमें कोरोना संक्रमणकी जो रफ्तार है उसके प्रति सावधानी और सतर्कता आवश्यक है। जांच और टीकाकरणकी गति बढ़ानेकी आवश्यकता है। देशमें अबतक ४६.४६ करोड़ जांच हुई हैं जबकि ४५ करोड़ ६० लाख लोगोंको टीके लगाये जा चुके हैं। आम जनताको भी कोरोना प्रोटोकालका सख्तीसे अनुपालन करना होगा।

पाकिस्तानको दो-टूक

पाकिस्तानअधिकृत कश्मीर (पीओके) में हुए चुनावपर कड़ा एतराज जताते हुए भारतने इसे गैरकानूनी करार देकर पाकिस्तानको सख्त सन्देश दिया है कि उसे यह इलाका खाली करना होगा। यह उचित भी है, क्योंकि पाकिस्तानने कश्मीरके उस भागपर अवैध रूपसे कब्जा किया है और उसे भारतको लौटाना ही होगा। इस तरहकी कवायदसे न तो पाकिस्तानके अवैध कब्जेके सचको छिपाया जा सकता है, न ही क्षेत्रमें हुए मानवाधिकार हनन, शोषण और लोगोंकी आजादी छिननेके कृत्यपर परदा डाला जा सकता है, क्योंकि पाकिस्तानअधिकृत कश्मीरमें इमरान खानकी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टीने हिंसा, धांधली और सरकारी मशीनरीका दुरुपयोग कर भले ही चुनाव जीत लिया हो, लेकिन वहांकी आवाम इसे माननेको तैयार नहीं है और इमरान खानका जबरदस्त विरोध कर रही है। नवाज शरीफकी पार्टी पीएमएलएनके नेता चौधरी मुहम्मद इस्माइल गुज्जरने यहांतक कह दिया कि धांधलीकी जांच नहीं हुई तो वह भारतकी मदद लेनेसे गुरेज नहीं करेंगे। यह बयान इमरान सरकारके खिलाफ आक्रोशको व्यक्त करनेके साथ ही वहांकी जनताके भारतसे लगावको भी प्रदर्शित करता है। वहांकी जनता इमरान सरकारके आतंकसे त्रस्त है और वह अपने भारतसे जोडऩेकी मांग बराबर करती है। इसको लेकर प्रदर्शन भी हुए हैं जिससे बौखलाये इमरान खानने वहां अपनी हुकूमत चलानेके लिए चुनावका ढोंग रचा है। वहांकी मुख्य विपक्षी नेता मरयम नवाजने भी चुनावमें धांधलीका आरोप लगाते हुए इमरानकी जीतको स्वीकार करनेसे साफ इनकार करते हुए कहा है कि जनता इमरान खानके साथ नहीं है। इसके बावजूद इमरान खान सुधरनेवाले नहीं हैं। उसने पाकिस्तानअधिकृत कश्मीरके बड़े भू-भागको पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारेके नामपर चीनको गिरवी रख दिया है, जबकि भारतके इस भू-भागपर पाकिस्तानका कोई अधिकार नहीं है। भारतको इमरान खानकी गैरकानूनी कवायदोंपर रोक लगानेके लिए पाकिस्तानअधिकृत कश्मीरको अपने कब्जेमें लेनेका प्रयास तेज करना होगा।