पटना

सभी राज्य वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम लागू करें : सुप्रीम कोर्ट


ताकि प्रवासी मजदूरों को देश में कहीं भी राशन मिल सके

नयी दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के लिए शुक्रवार को बड़ा आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि उन्हें वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम जरूर लागू करनी चाहिए। अदालत ने कहा कि ऐसा करने पर मजदूरों को अपने राज्यों के अलावा पूरे देश में कहीं भी राशन मिल सकेगा। वहां भी जहां वे काम करने जाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला खुद उठाया था। अदालत ने प्रवासी मजदूरों की परेशानियों और गरीबी के संबंध में राज्यों से जवाब भी मांगे थे। इस मामले में एक्टिविस्ट अनिल भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप चोकर ने भी नई याचिकाएं दाखिल की हैं। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

केंद्र और राज्यों ने भी इस पर अपना पक्ष रखा। पंजाब और महाराष्ट्र के वकीलों ने अदालत से कहा है कि हमने अपने राज्यों में ये स्कीम लागू की है। इसके बाद बंगाल के वकील ने कहा कि आधार के सीडिंग इश्यू को लेकर हम अभी ये स्कीम अपने राज्य में लागू नहीं कर सके हैं।

केंद्र ने भी कहा कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम जैसे राज्यों ने ये स्कीम नहीं लागू की है। लेकिन, दिल्ली की ओर से पेश वकील ने कहा कि हमारे यहां ये स्कीम लागू कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर कोई भी बहाना नहीं बनाना चाहिए। बंगाल को ये स्कीम लागू करनी चाहिए, क्योंकि ये उन मजदूरों की भलाई के लिए है, जिन्हें हर राज्य में राशन मिलेगा। सभी राज्यों को ये स्कीम आवश्यक तौर पर लागू करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए सॉफ्टवेयर बनाने में देरी पर नाराजगी जाहिर की। अदालत का मानना है कि इससे देश भर का एक डेटाबेस तैयार हो सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि ऐसे में केंद्र नवंबर तक उन मजदूरों तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत फ्री राशन कैसे पहुंचाएगा, जिनका राशन कार्ड ही नहीं है? सॉफ्टवेयर बनाने का काम आपने पिछले साल अगस्त में शुरू कर दिया होगा और अभी भी ये नहीं हो पाया है? अभी भी आपको 3-4 महीने क्यों चाहिए?