- सुप्रीम कोर्ट (Suprme Court) का मानना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पास पर्यावरण से संबंधित किसी भी मामले पर स्वत: संज्ञान लेने की शक्ति है. शीर्ष अदालत का यह भी कहना है कि वह (NGT) पत्रों, अभ्यावेदन और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर कार्यवाही शुरू कर सकता है. इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पास स्वत: संज्ञान लेने की शक्तियां नहीं हैं, हालांकि वह पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उठाते हुए पत्र या संचार पर कार्रवाई कर सकता है.
अपीलों के एक समूह की सुनवाई के दौरान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने पक्ष रखते हुए अदालत के फैसले की मांग की थी कि ट्रिब्यूनल के पास शक्ति है या नहीं. हा लांकि केंद्र की तरफ से कहा गया था कि ट्रिब्यूनल को अधिनियम के तहत पर्याप्त रूप से उपलब्ध शक्ति का प्रयोग करने के लिए प्रक्रियात्मक कानून में नहीं बांधा जा सकता है.