सम्पादकीय

प्रकृतिके अनुरूप प्रतिरक्षातंत्र सशक्त बनाये

श्यामसुन्दर मिश्र भौतिक सुखोंकी अंधी दौड़में इनसान प्रकृति और परमात्मा दोनोंसे ही दूरियां बनाता चला आ रहा है। वह भूल चुका है कि जान है तो जहान है और शरीर स्वस्थ एवं मनप्रसन्न है तो ही भौतिक संसाधनोंसे हमें सुख और शान्तिकी प्राप्ति हो सकती है। देहकी संरचनामें प्रकृति और परमात्मा दोनोंकी ही भूमिका है। […]

सम्पादकीय

अनन्तसे जुडऩा

श्रीश्री रविशंकर अनन्तके लिए तुम क्या कर सकते हो। अवश्य ही ऐसा कुछ नहीं जो बहुत बड़ा या श्रेष्ठ हो। क्योंकि इसके लिए तुम्हें प्रयास करना पड़ता है और प्रयास करनेपर तुम थक जाते हो। इसलिए कोई बड़ा कार्य करना एक अस्थायी अवस्था है। यदि तुम ऐसा कोई काम अनन्त कालके लिए करना स्वीकार करते […]

सम्पादकीय

राहत और चिन्ता

देशमें कोरोनाके खिलाफ जंगमें राहत, गर्व और चिन्ताकी बातें एक साथ सामने आयी हैं। राहतकी बात यह है कि मंगलवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे जारी आंकड़ोंके अनुसार पिछले २४ घण्टोंके दौरान ९१ दिनोंके बाद नये मामलोंकी संख्या ५० हजारसे नीचे ४२,६४० पर रही और मृतकोंकी संख्या घटकर ११६७ पर आ गयी। पाजिटिवटीके रेट पिछले १५ […]

सम्पादकीय

सर्तकतासे ही सुधरेंगे हालात

राजेश माहेश्वरी    कोरोनाकी दूसरी लहरका जानलेवा कहर देश और देशवासियोंने भोगा है। अब सरकारका पूरा जोर ज्यादासे ज्यादा आबादीका टीकेका कवच पहनाना है। एम्स दिल्लीके निदेशक डा. रणदीप गुलेरियाने भी आगाह कर दिया कि यदि कोरोना संबंधी अनुशासनका पालन नहीं किया गया तो तीसरी लहर महीनेभरमें ही आ धमकेगी और और पहलेसे ज्यादा घातक होगा। […]

सम्पादकीय

ईरानकी राजनीतिपर विश्वकी नजर

विष्णुगुप्त          ईरानमें इब्राहिम रईसीके राष्ट्रपति बननेका दुष्परिणाम यह हो सकता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तानमें सक्रिय सुन्नी मुस्लिम आतंकवादी संघटनों जैसे तालिबान अलकायदा एवं आईएस जैसे मुस्लिम आतंकवादी संघटनोंकी हिंसक गतिविधियां बढ़ेगी। ईरान दुनियाकी मुस्लिम राजनीतिको हिंसक बनाने की कोशिश करेगा। ऑर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक मूवमेंटमें सऊदी अरब और ईरानके बीचमें हिंसक प्रतिद्वंदिता बढ़ेगी। चीन और रूसका […]

सम्पादकीय

दुनियाकी सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता ओलम्पिक

योगेश कुमार गोयल कोरोना महामारीके कारण पिछले साल ओलम्पिक खेलोंका आयोजन टाल दिया गया था, जो अब अगले महीने टोक्योमें खेले जायंगे। वैसे आधुनिक ओलम्पिक खेलोंमें भारत पिछले वर्ष अपना सौ वर्षका सफर पूरा कर चुका है। हालांकि ओलम्पिक खेलोंकी शुरुआत करीब २७९६ वर्ष पूर्व ग्रीसमें जीयसके पुत्र हेराकल्स द्वारा की गयी मानी जाती है […]

सम्पादकीय

परम साधन

दीपचन्द  परमपिता परमात्माका साक्षात्कार करनेकी विधिका नाम उपासना है। शांत चितसे ईश्वरका ध्यान करते हुए उसकी समीपताका अनुभव करना, अपनी आत्माको आनन्द स्वरूप परमेश्वरमें मगन करना उपासना कहा गया है। हमारे ग्रंथोंमें इसे भक्ति भी कहा गया है। जिस विधिसे चित्तकी वृत्तियोंका निरोध करके परमेश्वरके चिंतनमें स्वयंको लगाया जाता है, वही भक्ति है। नारद पुराणमें […]

सम्पादकीय

वर्षा-बाढ़का कहर

कोरोना संक्रमणकी रफ्तार थमने लगी है जो राहतकारी है लेकिन इसी बीच देशके आधेसे अधिक हिस्सोंमें मानसून पूर्व पहली ही आफतकी बारिश बाढ़ और भूस्खलनका कहर परेशानीको और बढ़ानेका संकेत है। उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखण्ड समेत कई राज्योंमें भारी बारिश कहर बरपा रही है। बाढ़से प्रभावित तटवर्ती क्षेत्रोंके लोग दहशतमें हैं। अनवरत बारिशसे हो […]

सम्पादकीय

आर्थिक समस्याको बढ़ाता मुद्रीकरण

डा. वरिंदर भाटिया      भारतीय अर्थव्यवस्थाको मजबूती देनेके लिए सरकारको नोट छापनेके सुझाव दिये जा रहे हैं। भारतमें १९९७ तक आरबीआई सरकारी घाटेकी भरपाई नये करंसी नोट छापकर करता रहा है। हालांकि इस तरहसे सरकारी घाटेकी भरपाई करनेके काफी नुकसान भी होते हैं। इसीलिए १९९४ में तत्कालीन वित्तमंत्री और तत्कालीन आरबीआई गवर्नरने १९९७ से इस सुविधाको […]

सम्पादकीय

पर्यटन क्षेत्रमें तकनीकी बदलाव

धीरज कुमार     कोरोना महामारीमें कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब हम इसके दुष्प्रभावके बारेमें नहीं सुनते हैं। आज सारा कामकाज इसके चलते ठप पड़ा है और जब बात उद्योग जगतकी की जाय तो टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर इससे अछूता कैसे रह सकता है। टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टरके लिए यह कोई नयी बात नहीं है। […]