श्रीराम शर्मा एक गांवमें बड़े धर्मपरायण व्यक्ति रहते थे। समय-समयपर कथा आयोजन होते रहते, दान-पुण्यकी महत्ता बतायी जाती। अभीतक गांवमें किसी ऐसे महात्माका आगमन नहीं हुआ था, जो उन्हें अध्यात्मका मर्म समझाता, जीवन साधनाका महत्व समझाता। इसी कारण प्रत्यक्षत: धार्मिक क्रियाकलापोंमें रत दिखते हुए भी वह सभी अनगढ़ ही थे। एक बार एक साधु महाराज […]
सम्पादकीय
संक्रमणमें कुछ कमी
दूसरी लहरमें कोरोनाकी तेज गतिमें कुछ कमी राहतकी बात है। पिछले कई दिनोंसे लगातार चार लाखसे अधिक संक्रमणके नये मामले आ रहे थे लेकिन सोमवारको केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयने पिछले २४ घण्टेके दौरान संक्रमणका जो आंकड़ा दिया है, वह लगभग तीन लाख ६६ हजार है। अब देशमें कुल संक्रमितोंकी संख्या दो करोड़ २६ लाख ६२ हजार […]
नये क्षितिजपर भारत-ब्रिटेन संबंध
अरविंद जयतिलक भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेनके प्रधान मंत्री बोरिस जानसनने वर्चुअल शिखर वार्ताके दौरान स्वास्थ्य, शिक्षामें सहयोगके साथ मौजूदा द्विपक्षीय कारोबारको दोगुना करने और अंतरराष्ट्रीय मंचोंपर तालमेल बढ़ानेपर सहमति जतायी है। कोविड महामारीमें भारतकी त्वरित सहायता करनेवाले ब्रिटेनके प्रधान मंत्रीने भरोसा दिया है कि भारतके पेशेवरोंके लिए उनका दरवाजा अब पहलेसे ज्यादा […]
सकारात्मकतासे हारेगा कोरोना
डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कोरोनाके पहले दौरके दौरान जयपुरके आरयूएचएसकी दूसरी मंजिलसे संदिग्ध कोरोना मरीज ७८ वर्षीय बुजुर्गने आत्महत्याका मामला हो या दिल्लीमें संक्रमित कोरोना केन्द्रकी छतसे कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त करनेका प्रकरण। इस तरहके बहुतसे समाचार समाचार-पत्रोंमें देखनेको मिलते रहे हैं। इस तरहके उदाहरण खास तौरसे कोरोनाके कारण आत्महत्याके प्रयास या गहरे डिप्रेशनके समाचार […]
संवेदनशील समाज बनानेकी आवश्यकता
प्रो. संजय द्विवेदी यह एक ऐसे देशकी कहानी है, जो अपनी १३५ करोड़ जनताके साथ कोरोनाके विरुद्ध जंग लड़ रहा है। सरकारों और निजी अस्पतालोंको मिलाकर भी चिकित्साके इंतजाम कम पड़ गये हैं। आक्सीजनकी कमीके चलते हाहाकार है। जरूरी चीजों, खाद्य पदार्थों, दवाओंकी कालाबाजारीमें हमारा कोई सानी नहीं है। हालात बदसे बदतर होते जा रहे […]
प्रसन्नता
ओशो एक सादगीभरा व्यक्ति जान लेता है कि प्रसन्नता जीवनका स्वभाव है। प्रसन्न रहनेके लिए किन्हीं कारणोंकी जरूरत नहीं होती। बस तुम प्रसन्न रह सकते हो। केवल इसीलिए कि तुम जीवित हो। लेकिन ऐसा संभव होता है केवल एक सहज सादे व्यक्ति के लिए ही। वह आदमी जो चीजें इक_ी करता रहता है, हमेशा सोचता […]
राहतकारी कदम
कोरोनाकी भयावह स्थितिसे उत्पन्न चुनौतीके बीच कुछ राहतकारी कदम और उपलब्धियां भी सामने आयी हैं, जिनसे कोरोना वायरसके खिलाफ जंगमें अवश्य मदद मिलेगी। महामारीको हरानेके लिए रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संघटन (डीआरडीओ) ने एक नयी दवा २-डीजी तैयार की है। इस नयी दवाका उपयोग आपात स्थितिमें संक्रमित मरीजोंपर किया जायगा। ड्रग्स कंट्रोलर आफ इण्डियाने इस […]
आत्मनिर्भरता ही समाधान
डा. अश्विनी महाजन वैक्सीनके स्टॉककी अमेरिकाको फिलहाल कोई जरूरत नहीं है और न ही कच्चे मालकी अमेरिकामें कोई कमी है, जिससे उसे भारतको देनेमें उसे कोई नुकसान होगा। ऐसेमें अमेरिकाके इस फैसलेसे न केवल अमेरिकाकी असंवेदनशीलता उजागर होती है, बल्कि हमें आत्मनिर्भर होनेकी प्रेरणा भी मिलती है। वह देश जिन्होंने दुनियाको एक गांव है और […]
पश्चिम बंगालमें हिंसा चिन्तनीय
डा. गौरीशंकर राजहंस हालमें पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु आदि राज्योंमें विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। चुनावके बाद जो भयानक हिंसा हुई उसे देखकर पूरा देश कांप गया है। ममता बनर्जीने बंगालमें तीसरी बार सत्तापर कब्जा कर लिया है। तृणमूल कांग्रेसने दो सौसे ज्यादा सीटें जीत कर तीसरी बार सत्ता हासिल कर ली। परन्तु […]
कांग्रेसी आलाकमानको मंथनकी जरूरत
रवि शंकर कांग्रेसकी सर्वोच्च नेता सोनिया गांधीके राजधानी स्थित बंगलेके बाहर सन्नाटेके लिए सिर्फ कोरोना महामारीके कारण उत्पन्न स्थितियां ही अकेले जिम्मेदार नहीं हैं। इस सन्नाटे तथा उदासीके लिए मुख्य रूपसे पश्चिम बंगालके हालिया चुनावोंमें कांग्रेसकी करारी पराजय भी जिम्मेदार है। पश्चिम बंगाल और असम, केरल, पुडुचेरी विधानसभा चुनावके नतीजे आ चुके हैं। बंगालमें तृणमूल […]